तिरंगे के साथ सेल्फी लेने से पहले ये नियम जान लें, गलती करने पर हो सकती है 3 साल की जेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश वासियों से खास अपील की है। उन्होंने कहा कि पिछली बार की तरह इस साल भी आप ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी ‘harghartiranga.com’ पर अपलोड करें। लोगों के बीच स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे के साथ सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करने का क्रेज़ रहता है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि राष्ट्रीय ध्वज को फहराने और इसके इस्तेमाल के क्या नियम-कायदे होते हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर कितनी सजा होती है। हर घर तिरंगा भारत की आजादी मौके पर लोगों को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अभियान है। अमृत महोत्सव वेबसाइट के मुताबिक, झंडे को सामूहिक रूप से घर पर लाना न केवल तिरंगे के साथ हमारे व्यक्तिगत संबंध का प्रतीक है बल्कि यह राष्ट्र निर्माण में हमारी प्रतिबद्धता को भी दिखाता है।
राष्ट्रीय ध्वज को खुले में लगाने का सही तरीका क्या है?
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराना/उपयोग/प्रदर्शन राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा संचालित होता है। इसके अनुसार कोई भी सार्वजनिक/निजी संस्था या शैक्षिक संस्थान का सदस्य किसी भी दिन और किसी भी अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है।
इसमें ध्यान रखने वाली बात है कि जब भी राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित किया जाता है, तो केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होगी। अगर कोई झंडे को लंबवत् (वर्टिकल) प्रदर्शित कर रहा है तो राष्ट्रीय ध्वज के संदर्भ में केसरिया पट्टी दाईं ओर यानी यह सामने वाले व्यक्ति के बाईं ओर होनी चाहिए।
अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय किन बातों को ध्यान रखें?
भारतीय ध्वज संहिता के अनुच्छेद 2.2 के अनुसार, कोई भी आम नागरिक अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। हालांकि, जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित होता है, तो उसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए।
नियमों के मुताबिक, जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाए, तो उसे पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए। उसे उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए। यानी कि ध्वज को जमीन पर या गंदी जगह पर नहीं रखा जाना चाहिए। इसके अलावा फटा या मैला-कुचैला ध्वज प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।
ध्वज संहिता कहती है कि राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी अन्य ध्वज या ध्वजों के साथ एक ही स्तंभ पर नहीं फहराया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल वस्तुओं को लपटने, प्राप्त करने और बांटने के लिए नहीं किया जा सकता। ध्वज को ज़मीन या फर्श या पानी में स्पर्श की अनुमति नहीं है। किसी कार्यक्रम में वक्ता की मेज को ढकने या वक्ता के मंच को इससे लपेटा नहीं जाएगा।
क्या अपनी गाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज लगा सकते हैं?
अकसर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर लोग अपनी गाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज लगाए नजर आते हैं। लेकिन हर किसी को अपने वाहन पर ध्वज लगाने की इजाजत नहीं है। मोटर कार पर राष्ट्रीय ध्वज के फहराने का विशेषाधिकार भारतीय ध्वज संहित 2002 के अनुच्छेद 3.44 के अनुसार केवल इन व्यक्तियों तक सीमित है-
राष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति
राज्यपाल और उपराज्यपाल
भारतीय मिशन के प्रमुख/
प्रधानमंत्री
कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और संघ के उपमंत्री
मुख्यमंत्री और राज्य या केंद्रशासित कैबिनेट मंत्री
लोकसभा के अध्यक्ष, राज्य सभा के उपाध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यों की विधान परिषदों के अध्यक्ष, राज्यों और केंद्र शासित
प्रदेशों की विधान सभाओं के अध्यक्ष, राज्यों की विधान परिषद् के उपाध्यक्ष, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की
विधान सभाओं के उपाध्यक्ष
भारत के मुख्य न्यायाधीश
सर्वोच्च न्यायलय के न्यायाधीश
उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश
नियम तोड़ने पर कितनी सजा?
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अपमान पर सजा का प्रावधान है। झंडे को जमीन पर रखना, उल्टा या मैला-कुचैला ध्वज लहराना राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना जाता है। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-2 में भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान के अपमान को रोकने के मकसद से सजा के प्रावधान किए गए हैं। इसके अनुसार जो व्यक्ति तिरंगे का अपमान करेगा, उसे 3 साल तक की जेल, या जुर्माना, या फिर दोनों सजाएं हो सकती हैं।
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