कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देश के 70 करोड़ गरीबों का सम्मान : शाह
नई दिल्ली, 24 जनवरी (हि.स.)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को यहां कहा कि मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को सम्मानित कर देश के 70 करोड़ गरीबों को सम्मानित करने का काम किया है। साथ ही सबको न्याय, सबको समान अधिकार के हमारे संविधान के मूलमंत्र को भी साकार करने की दिशा में काम किया है।
शाह ने बुधवार को विज्ञान भवन में कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी समारोह पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का निर्णय दलितों, गरीबों, आदिवासियों और अन्य हाशिए के समुदायों के लिए काम करने वालों के लिए प्रेरणा बनेगा।
शाह ने कहा किपिछले दो दिनों में मोदी जी ने रामकाज और गरीबकाज को जोड़ा है। उन्होंने कहा, “सबसे बड़ा संयोग ये रहा कि 22 जनवरी को मोदी जी ने रामकाज (राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा) किया और 23 तारीख को गरीब काज ( कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न) करके राम और गरीब को जोड़ने का काम किया।”
उन्होंने कहा कि ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित कर प्रधानमंत्री ने सादगी, प्रामाणिकता, बराबरी के सिद्धांत, सात्विकता, नैतिकता और आत्मसम्मान के साथ राजनीति में संघर्ष कर रहे युवाओं का भी प्रतीकात्मक रूप से सम्मान किया है।
बिहार में अपने समय में कर्पूरी ठाकुर ने मंडल कमीशन से भी एक दशक पहले ओबीसी,महिला और गरीबी से पीड़ित सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने की शुरुआत की थी। उस दौर में यह कोई मामूली बात नहीं थी। उन्हें अपनी पार्टी में भी बहुत कुछ सहना पड़ा होगा। आज केन्द्र की मोदी सरकार कर्पूरी ठाकुर के दिखाए रास्ते पर चल रही है। यहां महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में आरक्षण देने के साथ-साथ ओबीसी समाज के लिए भी व्यापक स्तर पर काम किया गया है। आज प्रधानमंत्री मोदी के कैबिनेट में 27 मंत्री ओबीसी समाज से हैं। देश में सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को भी आरक्षण देने का काम मोदी सरकार ने किया है।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार भारतीय भाषाओं को बढ़ाने का काम कर रही है। कर्पूरी ठाकुर भी इस बात के पक्षधर थे। आज मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति लाकर उनके इस इकादे को मजबूत किया है। नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता दी गई है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष एवं हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक राम बहादुर राय ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर गैर कांग्रेसवाद के प्रतीक थे। वे आजीवन राम मनोहर लोहिया की राह पर चलते रहे। उनकी बात करने वाले आज उनसे मुंह मोड़कर बैठे हैं जबकि मोदी सरकार ने उन्हें सम्मानित करने का काम किया है। कर्पूरी ठाकुर ने गैर कांग्रेस वाद की शुरूआत की थी जिसकी मंजिल विकसित भारत है।
हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/अनूप
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