कारगिल युद्ध में शहीद के पिता से ग्रांट के नाम पर 44.46080 लाख रुपये ठगा, दिल्ली से पांच ठग गिरफ्तार
- उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली एनसीआर में मारा छापा, साइबर ठगों के गिरोह का किया भंडाफोड़
- 1.7500 लाख नकद समेत 20 मोबाइल, दो लैपटॉप, 42 सिम-डेबिट कार्ड, 15 फर्जी पहचान पत्र बरामद
देहरादून, 09 मई (हि.स.)। कारगिल युद्ध में कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद के परिजनों से लाखों रुपये धोखाधड़ी के मामला में उत्तराखंड एसटीएफ ने गुरुवर को दिल्ली एनसीआर में छापा मारकर साइबर ठगों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ की साइबर पुलिस ने पांच ठगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 20 मोबाइल, दो लैपटॉप, 42 सिम कार्ड, 42 डेबिट कार्ड, 15 फर्जी पहचान पत्र-आधार कार्ड, पेन कार्ड समेत एक लाख सात हजार पांच सौ रुपये बरामद किया है।
साइबर ठगों ने शहीदों के परिजनों को कॉल कर स्वयं को मुख्य सतर्कता अधिकारी (रक्षा मंत्रालय) एवं सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी बताकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की थी। इन्होंने दिल्ली एनसीआर में एक कॉल सेंटर खोल रखा है। ये सभी गत छह माह से देशभर में शहीदों एवं सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों के नाम, मोबाइल नंबरों की जानकारी गूगल व अन्य माध्यम से प्राप्त कर पेंशन, फंड, ग्रेज्युटी बंद-चालू करने अथवा बढ़ाने का झांसा देकर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। ऐसी धोखाधड़ी की शिकायत प्रथम बार उत्तराखंड साइबर पुलिस स्टेशन को मिली थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल के अनुसार, कुछ दिवस पूर्व साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन उत्तराखंड देहरादून पर गुमानीवाला निवासी वरिष्ठ नागरिक ने सूचना दर्ज कराई कि उनका पुत्र जो आर्मी में कैप्टन था। कारगिल की लड़ाई में शहीद हो गया था। उनको मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। शिकायतकर्ता को माह फरवरी 2024 में अज्ञात व्यक्ति ने फोन कॉल कर स्वयं को सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी व मुख्य सतर्कता अधिकारी (रंक्षा मंत्रालय) कार्यालय भारत सरकार से बताकर कहा कि आपके बेटे के कीर्ति चक्र की ग्रांट के साथ आपको अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जानी थी, लेकिन आपकी तरफ से फार्म-॥ 31 दिसंबर 2023 तक जमा नहीं किया गया था। इस कारण आपका कीर्ति चक्र का ग्रांट निरस्त हो गया है। निरस्त आर्डर नंबर जेआर 00439 है, जिसकी फाइल मेरे पास आई है। उक्त अज्ञात व्यक्ति ने यह भी बताया कि उक्त फाइल में अग्रिम कार्यवाही चीफ सर्तकता अधिकारी रक्षा मंत्रालय पीएन गुलाटी द्वारा की जानी है, जिनके सचिव विवेक राजपूत का मोबाइल नंबर 729790726 शिकायतकर्ता को देकर संपर्क करने को कहा गया। शिकायतकर्ता ने कथित विवेक राजपूत से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि आपका ग्रांट निरस्त कर दिया गया है। अब गुलाटी साहब ही इसे पुनः एक्टिवेट कर सकते हैं। इसके बाद पीएन गुलाटी ने शिकायतकर्ता को बताया कि कीर्ति चक्र की ग्रांट करीब 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष को फिर से शुरू कर रहा है। यह ग्रांट 2021 से 2037 तक मिलनी है। कुछ दिन बाद कथित पीएन गुलाटी ने शिकायतकर्ता को बताया कि उसने ग्रांट स्वीकृत कर दी है। इसके लिए शिकायतकर्ता से एक लाख 98 हजार रुपये आरटीजीएस से खाते में जमा कराए। इसके अलावा भिन्न-भिन्न तिथियों पर शिकायताकर्ता से एनओसी व अन्य फाइल प्रोसेस चार्जेज आदि के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में अलग-अलग किस्तों में 22 अप्रैल 2024 तक कुल 44 लाख 46 हजार 80 रुपये से जमा करा दिए परंतु कोई भी रकम शिकायकर्ता के खाते में जमा नहीं कराई गई। शक होने पर शिकायतकर्ता ने सैनिक कल्याण बोर्ड उत्तराखंड देहरादून से संपर्क किया तो इस फर्जीवाड़े का पता चला।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने घटना के अनावरण के लिए पुलिस उपाधीक्षक अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित कर ठोस कार्यवाही के निर्देश दिए। गठित टीम ने घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर व सम्बन्धित खातों आदि की जानकारी एवं तकनिकी विश्लेषण किया तो उक्त अपराध में संलिप्त अपराधियों का दिल्ली से सम्बन्ध होना पाया। इनका आईडी और खाता सब फर्जी था। आखिरकार पुलिस ने पांच साइबर ठगों को लक्ष्मी नगर क्षेत्र नई दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली, बिजनौर, गाजियाबाद, बलिया और कानपुर के हैं अपराधी
गिरफ्तार अपराधियों में कपिल अरोड़ा (33) पुत्र स्व. हरीचंद निवासी 43ए रशीद मार्केट गली नंबर-सात बाना जगतपुरी नियर भगत सिंह रोड दिल्ली 51, राहुल कुमार दत्ता (34) पुत्र अजीत कुमार दत्ता निवासी न्यू स्टेट बैंक कालोनी निवर शिव मन्दिर धामपुर बिजनौर, रवि सैनी (33) पुत्र राम अवतार सिंह निवासी एम-8 ब्लाक निकट डीएवी चौक सेक्टर 12 प्रताप विहार गाजियाबाद, राजेश कुमार यादव (32) पुत्र रविंद्र यादव निवासी ग्राम गोरखपुर थाना रसड़ा जिला बलिया, अनुराग शुक्ला (33) पुत्र विनोद कुमार शुक्ला निवासी 135 रामपुरम श्याम नगर थाना चकेरी निकट सरयु प्रसाद स्कूल जिला कानपुर उत्तर प्रदेश के निवासी हैं।
पुलिस टीम को 10 हजार रुपये इनाम
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक विकास भारद्वाज, उप निरीक्षक राजीव सेमवाल, अपर उप निरीक्षक सुरेश कुमार, कांस्टेबल शादाब अली शामिल हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ने उक्त टीम को 10 हजार रुपये इनाम से पुरस्कृत किया है।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/प्रभात
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