बैंगलोर में आयोजित होगा कलासाधक संगम, देशभर से दो हजार प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
लखनऊ, 30 जनवरी (हि.स.)। आगामी 01 से 04 फरवरी, 2024 को श्री श्री रविशंकर आश्रम बैंगलोर में ‘कलासाधक संगम’ आयोजित होने जा रहा है। कलासाधक संगम में देशभर के लगभग दो हजार प्रतिनिधि व कलासाधक इकट्ठा होंगे। यह जानकारी संस्कार भारती के प्रदेश सह महामंत्री गिरीश चन्द्र ने विश्व संवाद केन्द्र में आयोजित प्रेसवार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि वस्तुतः कलासाधक संगम भारतीय कला दृष्टि में विश्वास रखने वाले कलासाधकों का एक समागम है। जो प्रायः तीन वर्ष के अंतराल पर देश के अलग-अलग स्थान पर आयोजित होता है। इसमें विभिन्न कलाविधाओं की मंचीय प्रस्तुतियां व बौद्धिक संवाद-विमर्श के कार्य होते हैं। जिसके माध्यम से कार्यकर्ता, कलासाधक, कलारसिक व आमजन भारतीय कला दृष्टि के प्रति अपनी सोच विकसित करते हैं और साहित्य-कला-संस्कृति के माध्यम से मातृभू आराधना में संलग्न होते हैं।
इस बार के कलासाधक संगम में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए साहित्यकार व कलाकार कला और साहित्य के माध्यम से समरसता विषय के अंतर्गत आने वाले विभिन्न पहलुओं पर संदेश देंगे। इस निमित्त अलग-अलग सत्रों में सेमिनार, मंचीय प्रस्तुतियों व प्रदर्शनियों की सहायता ली जाएगी। इसी क्रम में समरसता शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। पेंटिंग, फोटोग्राफी, कैलीग्राफी व रंगोली की प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। नॉर्थ ईस्ट के कलासाधक सामूहिक नृत्य प्रस्तुति देंगे। धार्मिक-सामाजिक आख्यान, नृत्य, गायन, वादन की भी प्रस्तुतियां होंगी।
कार्यक्रम के उद्घाटन में कलाओं के संरक्षण-संवर्धन के लिए विख्यात मैसूर राजवंश के राजा यदुवीर वाडियार, विजयनगर साम्राज्य के वंशज कृष्णदेवराय उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर प्रख्यात लोक कलाकार पद्मश्री मंजम्मा जोगती, वरिष्ठ तबला वादक रविंद्र यावगल व इतिहासकार डॉ विक्रम संपत भी उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम में 3 व 4 फरवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की भी उपस्थिति रहेगी। वे भरतमुनि सम्मान समारोह में दृश्यकला व लोककला के दो ख्यातिनाम कलासाधकों को सम्मानित करेंगे।
'भरतमुनि सम्मान - 2023'
मुंबई के चित्रकार विजय दशरथ आचरेकर एवं सिंधुदुर्ग के लोक कलाकार गणपत सखाराम मसगे होंगे संस्कार भारती के 'भरतमुनि सम्मान 2023' से सम्मानित। कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती नई दिल्ली ने उभरते कला केंद्र 'कला संकुल' में कला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए अपने 'प्रथम सम्मान' की घोषणा की। संस्कार भारती द्वारा दिया जानेवाला यह 'भरतमुनि सम्मान' भारत में पंचम वेद के नाम से विख्यात नाट्य शास्त्र के रचियता महर्षि भरत मुनि को समर्पित है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2024 का भरतमुनि सम्मान मंचीय कला और साहित्य के क्षेत्र में दिया जाएगा।
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के आशीर्वचन व मोहन भागवत के समापन उद्बोधन के साथ 4 दिवसीय कार्यक्रम पूर्ण होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/आकाश
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