लोकसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल में तमलुक सीट पर अभिजीत गांगुली के मैदान में उतरने से दिलचस्प हुआ मुकाबला

लोकसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल में तमलुक सीट पर अभिजीत गांगुली के मैदान में उतरने से दिलचस्प हुआ मुकाबला
WhatsApp Channel Join Now
लोकसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल में तमलुक सीट पर अभिजीत गांगुली के मैदान में उतरने से दिलचस्प हुआ मुकाबला




कोलकाता (पश्चिम बंगाल), 25 मार्च (हि.स.)। पूरे देश में लोकसभा चुनाव का दंगल शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल में लड़ाई दिलचस्प है। क्योंकि, विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सभी 42 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। माकपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट थी लेकिन कूचबिहार सीट पर दोनों दलों की ओर से अलग-अलग उम्मीदवार उतार दिए जाने के बाद गठबंधन की अटकलों को झटका लगा है।

इस बीच कई ऐसी सीटें हैं जिन पर लड़ाई इस बार दिलचस्प होने वाली है। ऐसी ही एक सीट है पूर्व मेदिनीपुर की तमलुक लोकसभा सीट। इस पर कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गांगुली को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। रविवार रात भाजपा की ओर से जारी देशभर के 111 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की सूची में पूर्व जस्टिस गांगुली का भी नाम है, जो पश्चिम बंगाल में सुर्खियों में है।

तृणमूल और भाजपा में सीधी टक्कर

राज्य में भ्रष्टाचार के तमाम मामलों में कड़े फैसले देकर नौकरी उम्मीदवारों और राज्यभर के लोगों के बीच कद्दावर छवि बनाने वाले जस्टिस गांगुली की उम्मीदवारी के बाद लड़ाई दिलचस्प हो गई है। यहां से सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी के प्रवक्ता देवांग्शु भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाया है जबकि अभी तक वाम दलों या कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। हालांकि, यहां लड़ाई सीधे तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के ही बीच होगी। क्योंकि, यह इलाका बंगाल भाजपा के विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के परिवार का गढ़ है। इसलिए जस्टिस गांगुली की जीत की उम्मीद बढ़ गई है।

क्या है भौगोलिक इतिहास?

तमलुक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी सात विधानसभा क्षेत्र पूर्व मेदिनीपुर जिले में हैं। तामलुक पश्चिम बंगाल में एक शहर है, जो पूर्व मेदिनीपुर जिले का मुख्यालय है। किंवदंती है कि तमलुक प्राचीन काल का शहर है, जिसे ताम्रलिप्त या ताम्रलिप्ति के नाम से जाना जाता था। यहां एक चीनी यात्री हियेन चांग ने शहर का दौरा किया, जो अब बंगाल की खाड़ी के करीब रूपनारायण नदी के तट पर स्थित है।

क्या है राजनीतिक इतिहास?

वर्ष 1951 में ही तमलुक संसदीय सीट बन गया था। कांग्रेस और सीपीएम के बाद इस सीट पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस का कब्जा हो चुका था। तामलुक संसदीय क्षेत्र पूर्व मेदिनीपुर जिले में आता है। इसका हेड क्वॉर्टर पूर्व मेदिनीपुर जिला है जो बर्धवान डिविजन में है।

तमलुक संसदीय क्षेत्र राजनीतिक बदलाव के साथ चलता रहा है। पहले यहां पर कांग्रेस का एकछत्र राज था लेकिन समय बदला तो बीएसी और बीएलडी जैसे दलों को भी जीत मिली। इसके बाद सीपीएम ने इस सीट पर कब्जा कर लिया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस में थे इसलिए इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है।

क्या है 2019 का जनादेश?

तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर दिव्येंदु अधिकारी को सात लाख 24 हजार 433 वोट मिले थे। हाल ही में दिव्येंगु अधिकारी भाजपा में शामिल हो गए हैं। भाजपा के सिद्धार्थ नस्कर को पांच लाख 34 हजार 268 वोट मिले थे। सीपीआई (एम) के एसके इब्राहीम अली को एक लाख 36 हजार 129 वोट मिले थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ ओम प्रकाश/चंद्र प्रकाश

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story