खाद्य नियामकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्णः जेपी नड्डा
नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित विश्व खाद्य भारत कार्यक्रम के साथ-साथ एफएसएसएआई द्वारा आयोजित वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने फूड इंपोर्ट रिजेक्शन अलर्ट (एफआईआरए) पोर्टल और फूड इंपोर्ट क्लीयरेंस सिस्टम 2.0 के लिए नई वेबसाइट लॉन्च की।
भारत मंंडपम में चल रहे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन में जेपी नड्डा ने कहा कि फूड इंपोर्ट क्लीयरेंस सिस्टम 2.0 के लिए नई वेबसाइट तेज प्रसंस्करण और अधिक पारदर्शिता के लिए फूड इंपोर्ट क्लीयरेंस सिस्टम का एक उन्नत संस्करण है, दोनों ही स्थिति भारत की वैश्विक खाद्य सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य नियामकों की भूमिका कभी भी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही है और यह निरंतर सहयोग, निरंतर नवाचार और खाद्य सुरक्षा प्रणालियों में निरंतर सुधार के प्रति प्रतिबद्धता की मांग करती है।
उन्होंने एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ के एक श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा कि जब भोजन शुद्ध होता है, तो मन शुद्ध हो जाता है। जब मन शुद्ध होता है तो स्मृति स्थिर हो जाती है। जब स्मृति स्थिर होती है तो हृदय की सभी गांठें (अज्ञान, संदेह, आसक्ति) खुल जाती हैं और व्यक्ति सभी विकारों से मुक्ति प्राप्त कर लेता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ऐसे समय में खाद्य नियामकों के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया जब दुनिया खाद्य जनित बीमारियों, न्यूट्रास्युटिकल सुरक्षा, नवीन खाद्य पदार्थों और सूक्ष्म प्लास्टिक जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है जबकि सभी स्थिरता के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य नियामकों की भूमिका कभी भी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही है। यह निरंतर सहयोग, निरंतर नवाचार और खाद्य सुरक्षा प्रणालियों में निरंतर सुधार के प्रति प्रतिबद्धता की मांग करती है।
नड्डा ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को ध्यान में रखते हुए मानक विकसित करने, खाद्य उत्पादन प्रक्रियाओं को विकसित करने और उपभोग पैटर्न को बदलने में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ एफएसएसएआई द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 18 मार्च, 2023 को ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन में लॉन्च किया गया बाजरा मानकों का विकास एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी
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