जोशीमठ भू-धंसाव अध्ययन : 8 तकनीकी संस्थानों ने प्राथमिक रिपोर्ट एनडीएमए को सौंपी

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- दरारों और पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी नहीं

-निर्माणाधीन मॉडल प्री फैब शेल्टर पूर्ण होने के चरण में

-307 प्रभावित परिवारों को 3.77 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित

देहरादून, 25 जनवरी (हि.स.)। जोशीमठ भू-धंसाव का अध्ययन कर रही सभी 8 तकनीकी संस्थानों ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को सौंप दी है। फिलहाल दरारों वाले भवनों की संख्या और पानी रिसाव में बढ़ोतरी नहीं हुई है। जोशीमठ के में मॉडल प्री फैब शेल्टर निर्माण पूरे होने वाले हैं। अब तक राहत के तौर पर 307 प्रभावित परिवारों को 3.77 करोड़ की राशि वितरित की गई है।

बुधवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में सचिव आपदा प्रबन्धन डा.रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ भू-धंसाव और भूस्खलन को लेकर अपनी बीफ्रिंग में पत्रकारों को यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अध्ययन कर रहे सभी 8 तकनीकी संस्थानों ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट एनडीएमए को सौंप दी है।

सचिव, आपदा प्रबन्धन ने बताया कि जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर पूर्ण होने के चरण में है। ढाक गांव, चमोली में प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर के निर्माण की कार्रवाई जारी है। सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है। यही नहीं पानी के डिस्चार्ज में भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी को 540 एल.पी.एम.था, वर्तमान में घटकर 181 एलपीएम हो गया है।

अभी तक 863 भवनों में दरारें चिन्हिृत हुई हैं। गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। जबकि 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 286 परिवार विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 957 है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष में 2957 लोग और पीपलकोटी में 491 कक्ष में 2205 लोगों की रुकने की क्षमता है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज

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