बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर जमीअत उलमा-ए-हिंद ने चिंता जताई
- जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने कमजोर वर्गों की रक्षा के
लिए प्रयासरत समाज के जागरूक लोगों को सराहा
नई दिल्ली, 08 अगस्त (हि.स.)। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने
बांग्लादेश में गैर-मुस्लिम समुदायों पर होने वाले हमलों से संबंधित आ रही खबरों
पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म से संबंध रखने वाले हर नागरिक की सुरक्षा करना मौलिक
जिम्मेदारी है, जो न केवल सरकार पर बल्कि समाज के हर सदस्य पर लागू होती है। मौलाना
मदनी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंसा करने वाले किसी भी सभ्य समाज का
हिस्सा नहीं हो सकते।
मौलाना मदनी ने बांग्लादेश की सिविल सोसायटी और समाज के उन
जागरूक एवं न्यायप्रिय लोगों की सराहना की है, जो इस संवेदनशील समय में कमजोर
वर्गों की सुरक्षा के लिए अपने संसाधनों और प्रयासों का उपयोग कर रहे हैं।
मदनी ने बताया कि इस्लाम की शिक्षाओं में यह बात प्रमुखता से बताई गई है कि अपने
पड़ोसियों के अधिकारों और जान-माल की रक्षा की जाए, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। इस्लामी शिक्षाएं मानवीय गरिमा की रक्षा और
जीवन की सुरक्षा पर जोर देती हैं। हम उन सभी लोगों के साथ खड़े हैं, जो अपने कृत्यों
से इन सिद्धांतों को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं और हम उनके प्रयासों की
सराहना करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद / सुनीत निगम
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