स्व को समझे बिना भारत को समझना संभव नहीं: रामलाल

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स्व को समझे बिना भारत को समझना संभव नहीं: रामलाल


स्व को समझे बिना भारत को समझना संभव नहीं: रामलाल


- तीन दिवसीय प्रेरणा मीडिया विमर्श-2023 का शुभारंभ

गौतमबुद्ध नगर, 15 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख रामलाल ने कहा कि स्व को समझे बिना भारत को समझना संभव नहीं है। भारत को समझने के लिए पहले भारत को पढ़ने की जरूरत है। दुनिया को पढ़कर भारत को नहीं समझा जा सकता। भारत को पढ़ कर ही स्व को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व ही भारत राष्ट्र का प्रतीक है, हिन्दुत्व ही संस्कृति एवं धर्म है।

रामलाल शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में आयोजित प्रेरणा मीडिया विमर्श-2023 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का आयोजन प्रेरणा शोध संस्थान न्यास, मेरठ प्रांत प्रचार विभाग और गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है।

रामलाल ने कहा कि उत्तर से दक्षिण हम एक हैं, भारत के लिए पूरी दुनिया एक परिवार है। हिन्दुत्व का अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व का अर्थ है सबका कल्याण। हिन्दुत्व में विश्व कल्याण की बात है। भारत सबके सुख और कल्याण की बात करता है, इसलिए वह संकुचित नहीं हो सकता। आने वाले समय में भारत जरूर संपूर्ण विश्व का नेतृत्व करेगा। इसके विपरीत कुछ लोग भारत के बारे में एक नकारात्मक विमर्श गढ़ते हैं। वे न केवल भारत बल्कि भारत को आगे बढ़ाने वाले लोगों के बारे में नकारात्मक प्रचार करते हैं। हमारा दायित्व ऐसे लोगों को स्व के आधार पर भारत के सही इतिहास का बोध कराना है।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यह सही समय है जब हम स्व का बोध कर भी सकते हैं और दूसरों को भी करा सकते हैं। जबकि हमारे देश में कुछ लोग ऐसे हैं जिनका काम ही देश की आलोचना करना। देश की आलोचना करना उनके लिए फैशन बन गया है। वे यह इसलिए कर रहे हैं क्योंकि स्व का आत्मबोध नहीं है। ऐसे लोगों को स्व का बोध कराने में सोशल मीडिया का बड़ा योगदान है। हम सबको इसका उपयोग करना चाहिए। शिक्षण संस्थानों में स्व बोध आधारित शिक्षा होनी चाहिए। इससे भारतीय स्व बोध का राष्ट्रीय जागरण मूर्त रूप लेगा।

कार्यक्रम को वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र भदौरिया ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत आदि सनातन संस्कृति को मानने वाला देश है, यह सहिष्णुता और अनेकता में एकता को मानने वाल राष्ट्र है। कार्यक्रम के अध्यक्ष नरेन्द्र तनेजा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उन लाखों लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपने जीवन में सुख सुविधाओं की चिंता किए बगैर स्व को प्रतिस्थापित करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया।

कार्यक्रम के दौरान साहित्य उत्सव और प्रदर्शनी का भी अनावरण हुआ। कार्यक्रम में प्रेरणा शोध संस्थान न्यास की अध्यक्ष प्रीति दादू, दूरदर्शन के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक अग्रवाल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रचार प्रमुख कृपाशंकर जी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख पद्म सिंह और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के रजिस्ट्रार डॉ. विश्वास त्रिपाठी समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नीना सिंह एवं प्रियंका सिंह ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/पवन

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