आज शक्ति को ज्ञान से परिभाषित किया जाताः डॉ सोमनाथ

आज शक्ति को ज्ञान से परिभाषित किया जाताः डॉ सोमनाथ
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आज शक्ति को ज्ञान से परिभाषित किया जाताः डॉ सोमनाथ


आज शक्ति को ज्ञान से परिभाषित किया जाताः डॉ सोमनाथ


-प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय द्वारा इसरो अध्यक्ष का सम्मान समारोह, छात्रों से की बातचीत

गुवाहाटी, 17 जनवरी (हि.स.)। आज प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ श्रीधर पाणिक्कर सोमनाथ को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का जश्न मनाने तथा उन्हें सम्मानित करने के लिए श्रीमंत शंकरदेव अंतरराष्ट्रीय सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ सोमनाथ ने 2023 के सफल चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की टीम का नेतृत्व किया था। जिससे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश बनकर भारत ने इतिहास रचा। सितंबर 2023 में उन्होंने और उनकी टीम ने भारत का पहला सूर्य अवलोकन मिशन आदित्य-एल1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

असम के प्रसिद्ध लेखक, नाट्यकार, फिल्म निर्माता ज्योतिप्रसाद अग्रवाल की पुण्यतिथि शिल्पी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के बाद महान कलाकार ज्योति प्रसाद अग्रवाल की छवि पर माल्यार्पण के बाद सम्मान-सह-संवाद कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई।

राज्यभर के स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने डॉ पाणिक्कर को अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के साहसिक प्रयास और उसकी चुनौतियों पर उनके संबोधन सुने। अपने संबोधन के बाद छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ सोमनाथ ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष उपक्रमों का भविष्य उज्ज्वल है। साथ ही उन्होंने कहा कि एक समय में शक्ति को तलवार से परिभाषित किया जाता था, और फिर प्राकृतिक और मानव संसाधनों की उपलब्धता से। आज, इसे समाज की पृष्ठभूमि में ज्ञान द्वारा परिभाषित किया जाता है, जो ज्ञान के इर्द-गिर्द हर चीज को आकार देता है। एक राष्ट्र को अपने नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में सक्षम होने के लिए शक्तिशाली होना होगा।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्रांति का उल्लेख करते हुए डॉ सोमनाथ ने कहा कि आज एआई द्वारा आकार और संचालित दुनिया में सामाजिक संवेदनशीलता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। इनके बाद उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर दिया।

कार्यक्रम के दौरान, डॉ सोमनाथ के साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। जिनमें, प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. प्रदीप कुमार जोशी, कुलपति प्रो. स्मृति कुमार सिन्हा, रजिस्ट्रार प्रो. जोगेश काकती, आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. परिमल चंद्र भट्टाचार्य और असम सरकार के शिक्षा सलाहकार प्रोफेसर (डॉ) ननी गोपाल महंत विशेष रूप से उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीप्रकाश/अरविंद/आकाश

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