पर्पल फेस्ट के तीसरे दिन राज्यों ने साझा किए दिव्यांगजनों की सुविधाओं के लिए नवीन प्रथाएं
नई दिल्ली, 10 जनवरी (हि.स.)। पर्पल फेस्ट के तीसरे दिन समावेशी समाज के निर्माण के साथ राज्यों में दिव्यांगजनों के लिए लागू की जा रही नवीन प्रथाओं को साझा किया गया। बुधवार को पर्पल फेस्ट में इस विषय पर आयोजित कार्यक्रम में 11 राज्य आयुक्तों के साथ-साथ समाज कल्याण मंत्री सुभाष फल देसाई, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, मिशन एक्सेसिबिलिटी के संस्थापक राहुल बजाज, मिशन एक्सेसिबिलिटी सलाहकार तुरब चिमंथनवाला, सह-संस्थापक अमर जैन शामिल हुए।
इस मौके पर कर्नाटक और मेघालय जैसे राज्यों ने डेटा संग्रह में स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल करने और आउटरीच के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग करने जैसी नवीन प्रथाओं को साझा किया। इस सत्र में दिव्यांग लोगों की आवश्यकताओं के मद्देनजर अधिक समावेशी देश बनाने पर जोर दिया गया। इसमें प्रतिभागियों ने समाज को दिव्यांग जनों की समस्या के प्रति संवेदनशील बनाने, पूर्वाग्रहों को दूर कर समावेशन में आने वाली बाधाओं पर चर्चा की।
इसके बाद कानूनी परिदृश्य और कार्यान्वयन पर एक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें मौजूदा दिव्यांगजन से संबंधित कानूनों पर चर्चा की गई और प्रभावी कार्यान्वयन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। इसमें दिव्यांग जनों के लिए नवोन्मेषी समाधानों पर भी बल दिया गया जिससे उनके लिए एक सुलभ समाज का निर्माण किया जा सकें। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने दिव्यांगजन के अधिकारों और कानूनी ढांचे पर चर्चा करते हुए जागरूकता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/वीरेन्द्र
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