अंतरिम बजट केवल रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल : खड़गे
नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने जो अंतरिम बजट पेश किया है, वह केवल रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल है।
खड़गे ने गुरुवार को अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने बजट भाषण सुना है। वित्त मंत्री ने गरीब और मध्यवर्ग को नकार दिया है। इस बजट भाषण में न तो पिछले साल का ब्योरा था और न ही आने वाले साल के लिए विजन था।
खड़गे ने कहा कि जब से मोदी सरकार बनी है, तब से बस बड़े-बड़े सपने दिखाने का काम हो रहा है। नाम बदल बदल कर योजनाएं लांच होती हैं लेकिन ये नहीं बताया जाता कि पुराने वादों का क्या हुआ? जो नये सपने दिखाए जा रहे हैं, वो कैसे पूरे होंगे? यह बताने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में देश की औसत आर्थिक विकास दर 08 फीसदी पर थी, वह इस सरकार में लुढ़क कर 5.6 फीसदी पर पहुंच गया है। महिला व बाल विकास मंत्रालय का बजट भी कुल बजट की तुलना में इस सरकार ने कम किया है।
खड़गे ने कहा कि वित्त मंत्री ने पूरे बजट भाषण में मनरेगा का नाम तक नहीं लिया। कांग्रेस के समय में मनरेगा के तहत 100 दिन का काम मिलता था, वो अब केवल साल में 48 दिन रह गया है। वित्त मंत्री दावा करती हैं कि आम आदमी की आय बढ़ी है लेकिन ये झूठ है। पिछले 05 वर्षों में ग्रामीण भारत का वेतन घटा है। ग्रामीण दिहाड़ी 10 सालों में बढ़ने के बजाय गिरी है। आसमान छूती महंगाई से हर कोई परेशान है। जरूरी वस्तुओं पर 05 फीसदी से 18 फीसदी वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) क्यों लगाया? आटा, दाल, चावल, दूध, सब्ज़ियों के दाम क्यों बढ़ते जा रहें हैं? यह बताने वाला कोई नहीं है।
खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने 03 करोड़ से अधिक लोगों की नौकरियां क्यों छीनी? हर महीने पेपर लीक क्यों होते हैं? पूरे बजट भाषण में जॉब शब्द केवल एक बार इस्तेमाल किया गया है। बेरोजगारी 45 साल में सबसे अधिक क्यों हैं? उन्होंने कहा कि 20 से 24 साल के युवाओं की बेरोजगारी 45 फीसदी पर क्यों है? रक्षा बजट और स्वास्थ्य बजट में लगातार गिरावट क्यों जारी है? इन सवालों का जवाब मोदी सरकार को देना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/दधिबल
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