अमेरिका के पर्ल हार्बर में शुरू हुआ दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास 'रिमपैक'

अमेरिका के पर्ल हार्बर में शुरू हुआ दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास 'रिमपैक'
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अमेरिका के पर्ल हार्बर में शुरू हुआ दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास 'रिमपैक'

- भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस शिवालिक ले रहा है इस अभ्यास में

- अभ्यास का समापन थिएटर स्तर के बड़े बल सामरिक अभ्यास के साथ होगा

नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। दक्षिण चीन सागर और उत्तरी प्रशांत महासागर में तैनात भारतीय बहु-भूमिका वाला स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस शिवालिक अमेरिका के पर्ल हार्बर में चल रहे रिम ऑफ द पैसिफिक (रिमपैक) एक्सरसाइज में भाग ले रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास है। भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय अभ्यास 'जिमेक्स' में भाग लेने के बाद आईएनएस शिवालिक अमेरिका के इस प्रसिद्ध बंदरगाह पर पहुंचा है।

पर्ल बंदरगाह या पर्ल हार्बर हवाई द्वीप में होनोलूलू से दस किमी उत्तर-पश्चिम, संयुक्त राज्य अमरीका का प्रसिद्ध बंदरगाह एवं गहरे जल का नौसैनिक अड्डा है। यह अमेरिकी प्रशांत बेड़े का मुख्यालय भी है। यहां 27 जून से शुरू हुआ अभ्यास 07 जुलाई तक चलेगा। अभ्यास के हार्बर चरण में कई संगोष्ठियों, अभ्यास योजना चर्चाओं, खेल प्रतियोगिताओं और पारस्परिक डेक यात्राओं में भाग लिया जाएगा। रिमपैक के समुद्री चरण को तीन उप-चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें पहले दो उप-चरणों के दौरान जहाज बुनियादी और उन्नत स्तर के एकीकरण अभ्यास करेंगे।

कार्यक्रम का समापन थिएटर स्तर के बड़े बल सामरिक अभ्यास के साथ होगा। इस अभ्यास में विमान वाहक युद्ध समूह, पनडुब्बियां, समुद्री टोही विमान, मानव रहित हवाई वाहन, दूर से संचालित सतही जहाज और बहुराष्ट्रीय नौसेनाओं के विशेष बलों के साथ संयुक्त संचालन सहित उभयचर बल लैंडिंग ऑपरेशन भी भाग लेंगे। इस अभ्यास का उद्देश्य मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाना और विश्वास का निर्माण करना है। अमेरिकी नौसेना के नेतृत्व में लगभग 29 देश बहुआयामी अभ्यास के वर्तमान संस्करण में भाग ले रहे हैं।

दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास 'रिमपैक' प्रतिभागियों के बीच सहकारी संबंधों को बढ़ावा देने और बनाए रखने के साथ-साथ एक अनूठा प्रशिक्षण अवसर प्रदान करता है, जो समुद्री मार्गों की सुरक्षा और दुनिया के महासागरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय तट से 9000 समुद्री मील दूर होने वाले इस अभ्यास में आईएनएस शिवालिक की भागीदारी दुनिया के किसी भी हिस्से में संचालन करने की भारतीय नौसेना की क्षमता का प्रमाण है। आईएनएस शिवालिक एक स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित 6000 टन वजनी गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम 

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