सर्व धर्म समभाव की भूमि है भारत, यहां राम भी हैं और ख़्वाजा भी : इंद्रेश कुमार

सर्व धर्म समभाव की भूमि है भारत, यहां राम भी हैं और ख़्वाजा भी : इंद्रेश कुमार
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सर्व धर्म समभाव की भूमि है भारत, यहां राम भी हैं और ख़्वाजा भी : इंद्रेश कुमार


- संघ के वरिष्ठ प्रचारक ने अजमेर दरगाह के लिए सौंपी 40 फुट की चादर

- जत्थों में रामलला के दर्शन करने जाएंगे मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता

नई दिल्ली, 9 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने मंगलवार को हजरत ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के अवसर पर प्रतिनिधिमंडल को चादर भेंट की। इसके साथ ही उन्होंने देश की एकता, अखंडता, समरसता और सौहार्द्र बनाए रखने की दुआ की। उन्होंने देश के नागरिकों के बीच नैतिक मूल्यों को बढ़ाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत सर्व धर्म समभाव की भूमि है। यहां राम भी हैं और ख्वाजा भी।

इंद्रेश कुमार ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रतिनिधिमंडल को 40 फुट लंबी एवं चौड़ी चादर सौंपी। यह चादर लेकर 51 सदस्यीय दल 12 जनवरी को निकलेगा। उसके अगले दिन यह चादर अजमेर दरगाह शरीफ पर चढ़ाई जाएगी। चादर लेकर जाने वालों में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, दिल्ली प्रदेश संयोजक हाजी मोहम्मद साब्रीन, सह संयोजक प्रोफेसर इमरान चौधरी, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष शालिनी अली, राजस्थान वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अबुबक्र नकवी, रेशमा हुसैन, मेवात डेवलपमेंट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष खुर्शीद रजाका, उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मज़ाहिर खान, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन बिलाल उर रहमान प्रमुख हैं।

इस मौके पर इंद्रेश कुमार ने 22 जनवरी को अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला के विराजमान होने को पूरे विश्व के लिए ऐतिहासिक और स्वागत योग्य बताया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता अलग-अलग समूहों में 50 से अधिक जिलों से निकल कर रामलला के दर्शन करने को पहुंचेंगे। श्रद्धालुओं में जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम कार्यकर्ता भी रहेंगे। ये सभी लोग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (22 जनवरी) के बाद अयोध्या दर्शन करने पहुंचेंगे।

इस मौके पर मौजूद लोगों के साथ इंद्रेश कुमार ने भय मुक्त, दहशत मुक्त, दंगा मुक्त, भूख मुक्त, छुआ छूत मुक्त, गरीबी मुक्त और बेरोजगारी मुक्त भारत के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि देश में नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। सरकार अपराध को समाप्त नहीं कर सकती, उनको रोक सकती है, अपराध के प्रति भय पैदा कर सकती है। अपराध यदि रुकेगा तो समाज के रोकने से ही रुकेगा।

उन्होंने कहा कि किसी को भी धर्म परिवर्तन और हिंसा करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। सभी अपने धर्म और जाति का पालन करें। दूसरे के धर्म की आलोचना या अपमान न करें। जब देश में सभी धर्मों का सम्मान किया जाएगा तो देश कट्टरपंथियों से मुक्त होगा। उन्होंने लव जिहाद की भी कड़ी निंदा की, जिसमें एक व्यक्ति अपनी पहचान छिपा के शादी करता है और शादी के बाद अपने असली रंग में आ जाता है। ऐसे विवाह में अक्सर बेटियों की लाश टुकड़े-टुकड़े में पाई जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार/जितेन्द्र/पवन/दधिबल

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