इंदौर जिला 5वें नेशनल वाटर अवार्ड में वेस्टर्न जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक्ट कैटेगरी में रहा प्रथम
इंदौर, 14 अक्टूबर (हि.स.)। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को एक और राष्ट्रीय उपलब्धि प्राप्त हुई है। फिफ्थ नेशनल वाटर अवार्ड में इंदौर जिला वेस्टर्न जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक्ट कैटेगरी में प्रथम स्थान पर रहा है। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार देर शाम यह जानकारी देते हुए बताया कि आज नई दिल्ली में यह घोषणा की गई है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने आज श्रम शक्ति भवन नई दिल्ली में 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि आगामी 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले समारोह में जिले को पुरस्कृत किया जाएगा। इससे पहले चौथे नेशनल अवार्ड में इंदौर देशभर में दूसरे स्थान पर रहा था। इस बार इंदौर ने पहले स्थान पर जगह बनाई है। इंदौर में रीचार्ज सॉफ्ट को लेकर हुए इनोवेशन और नहर, नदी और उनके चैनलों की सफाई के कार्यों को सराहना मिली है।
उल्लेखनीय है कि जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर, आरडी एंड जीआर) ने 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2023 के लिए 09 श्रेणियों में संयुक्त विजेताओं सहित 38 विजेताओं की घोषणा की, जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ स्कूल या कॉलेज, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ, सर्वश्रेष्ठ संस्थान (स्कूल या कॉलेज के अलावा) और सर्वश्रेष्ठ नागरिक समाज शामिल हैं।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय भारत सर6कार ने 5वें नेशनल वाटर अवार्ड के लिए नामांकन दिसंबर महीने में आमंत्रित किए थे। इसमें वेस्टर्न जोन में इंदौर पहले स्थान पर रहा है। वेस्टर्न जोन में इंदौर सहित कुल तीन शहरों का चयन हुआ था, जिसमें मध्य प्रदेश का ही रतलाम और गुजरात का कच्छ शामिल था। तीन जिलों की शार्ट लिस्ट होने के बाद मई में केन्द्रीय दल ने भौतिक सत्यापन किया था। इस टीम ने इंदौर शहरी और ग्रामीण दोनों का अलग-अलग चरणों में परीक्षण किया था। इसमें केंद्रीय जल आयोग के सहायक संचालक सुनील शर्मा, केंद्रीय भूजल बोर्ड के सीनियर साइंटिस्ट चितरंजन बिस्वाल और भू-वैज्ञानिक केएल प्रदीप शामिल थे।
प्रथम अवार्ड के लिए इंदौर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों का समान सहयोग है। केंद्रीय टीम ने इंदौर आकर एक दिन ग्रामीण क्षेत्र में जल स्रोत, संरचनाओं और पानी बचाने के विकल्प का परीक्षण किया था, वहीं एक दिन निगम सीमा में पानी बचाने और जल स्रोत का परीक्षण किया था। टीम ने रीचार्ज सॉफ्ट सहित शहरभर में हुए अलग-अलग पानी बचाने के कामों का दिल्ली में प्रस्तुतिकरण दिया था। यहां रीचार्ज सॉफ्ट की सराहना हुई थी। दावा किया था कि इस माध्यम से सर्वाधिक पानी बचाया जा सकेगा और ऐसा करने वाला इंदौर पहला शहर है।
तीन अहम काम से आगे आया इंदौर का नाम
1- वाटर रीचार्जः शहर में निजी और सरकारी इमारतों के अलावा, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और जलजमाव वाले स्थानों पर वाटर रीचार्ज सॉफ्ट बनाए गए हैं।
2- नदियों के चैनल की सफाईः शहर के जलस्रोत नदियों में बारिश का पानी अधिक से अधिक आ सके, ताकि पानी का संरक्षण हो और भूजल स्तर में वृद्धि हो, जिसके लिए नदियों और तालाबों के चैनलों की सफाई की गई। शहर में जनभागीदारी से करीब 24 किमी के एक दर्जन चैनलों की सफाई की गई।
3- रीयूज वाटरः एसटीपी पर पानी को ट्रीट करने के बाद अलग-अलग उपयोग में लिया गया। शहर में एसटीपी पर पानी को ट्रीट करने के बाद बिल्डिंग निर्माण और गार्डन आदि में उपयोग किया जाता है। 311 ऐप के जरिए इस पानी को आवश्यकता अनुसार बेचा भी जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
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