रूस से वापसी में भारतीय जहाज तबर ने जर्मन नौसेना के साथ किया युद्धाभ्यास

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रूस से वापसी में भारतीय जहाज तबर ने जर्मन नौसेना के साथ किया युद्धाभ्यास

- दोनों नौसेनाओं ​ने व्यावसायिकता और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया

- जर्मनी के साथ अभ्यास का मकसद था समुद्री सहयोग मजबूत करना

नई दिल्ली, 07 अगस्त (हि.स.)। भारतीय नौसेना के फ्रंटलाइन फ्रिगेट आईएनएस तबर ने रूस से वापसी के दौरान कील नहर के पास जर्मन नौसेना के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास किया। युद्ध अभ्यास में भारतीय युद्धपोत का साथ जर्मन नौसेना के सी लिंक्स जहाज ने दिया। रूस से रवाना होने से पहले तबर ने रूसी नौसेना के जहाज सूब्राज़िटेलनी के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास किया था। इन अभ्यासों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करना है।

आईएनएस तबर ने 28 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी नौसेना दिवस की परेड में हिस्सा लेकर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग से रवाना होने से पहले आईएनएस तबर ने 30 जुलाई को रूसी नौसेना के जहाज सूब्राज़िटेलनी के साथ युद्ध अभ्यास किया। आईएनएस तबर को रूसी नौसेना ने पारंपरिक विदाई देकर भारत के लिए रवाना किया था। रूस की यात्रा पर जाने से पहले आईएनएस तबर ने 17 से 20 जुलाई तक हैम्बर्ग, जर्मनी का दौरा किया था। रूस से लौटते समय कील नहर के पास भारतीय और जर्मन नौसेना के बीच युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

​इस युद्धाभ्यास में जर्मन नौसेना के तीसरे स्क्वाड्रन नेवल एयर विंग 5 (एमएफजी5) के सी लिंक्स के साथ शिप कंट्रोल्ड अप्रोच, विंचिंग अभ्यास जैसे कई उन्नत समुद्री ऑपरेशन शामिल थे। दोनों नौसेनाओं ​ने सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाने के लिए उच्च स्तर की व्यावसायिकता और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।​ भारत और जर्मनी के बीच रिश्ते साझा मूल्यों, लोकतांत्रिक सिद्धांतों और वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की नींव पर बने हैं।​ भारतीय नौसेना दुनिया भर की नौसेनाओं के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जर्मन नौसेना के साथ ​अभ्यास मजबूत द्विपक्षीय नौसैनिक संबंधों और समुद्री सुरक्षा अभियानों में साथ मिलकर काम करने की ​भारत की समुद्री क्षमता को मजबूत करता है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम

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