नौसेना के डेगा एयरबेस पर वायु सेना के सी-295 परिवहन विमान को मिला ठिकाना

नौसेना के डेगा एयरबेस पर वायु सेना के सी-295 परिवहन विमान को मिला ठिकाना
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नौसेना के डेगा एयरबेस पर वायु सेना के सी-295 परिवहन विमान को मिला ठिकाना

- वायु सेना के लिए पिछले साल सितंबर में फ्रांस से मिला था यह सामरिक विमान

- नौसेना और आईसीजी के लिए 15 और सी-295 समुद्री एयरक्राफ्ट लेने की तैयारी

नई दिल्ली, 29 फरवरी (हि.स.)। फ्रांस से भारत को मिले पहले सी-295 परिवहन विमान को पूर्वी समुद्री तट विजाग में भारतीय नौसेना के आईएनएस डेगा एयरबेस पर ठिकाना बनाया गया है। भारतीय वायु सेना के लिए यह सामरिक विमान पिछले साल सितंबर में फ्रांस से मिला था। फ्रांस से भारत को मिला पहला सी-295 परिवहन विमान 25 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विधि-विधान से पूजा करके वायु सेना के बेड़े में शामिल किया था। भारत नौसेना और भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के लिए 15 और सी-295 समुद्री एयरक्राफ्ट लेने की तैयारी में है।

यह सैन्य परिवहन विमान फ्रांस की एयरबस कंपनी ने पिछले साल 13 सितम्बर को भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को स्पेन के सेविले में सौंपा था। इस विमान को वायु सेना के ग्रुप कैप्टन पीएस नेगी फ्रांस से मिस्र और बहरीन होते हुए उड़ाकर 20 सितंबर को भारत लाये और वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतारा। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस से भारत को मिला पहला सी-295 परिवहन विमान 25 सितंबर को औपचारिक रूप से वायु सेना के बेड़े में शामिल किया। राजनाथ सिंह ने विधि-विधान से पूजा करके विमान ‘स्वास्तिक’ का निशान बनाया।

फ़्रांसीसी कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ वायु सेना के लिए 24 सितंबर, 2022 को 56 सी-295 सैन्य परिवहन विमानों का सौदा फाइनल हुआ था। इसी सौदे के तहत यह पहला विमान स्पेन में ही तैयार किया है। समझौते के मुताबिक कंपनी को 16 विमान स्पेन में तैयार करके भारत को 'फ्लाइंग मोड' में आपूर्ति करना है। भारत को पहला विमान मिलने के साथ ही अन्य 15 विमानों के 'फ्लाइंग मोड' में आपूर्ति होने का रास्ता साफ हो गया है। अन्य 40 विमानों का निर्माण दस वर्षों के भीतर टाटा कंसोर्टियम भारत में ही करेगा। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें निजी सभी 56 विमानों को स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ स्थापित किया जाएगा। यह मीडियम लिफ्ट सामरिक विमान बिना तैयार लैंडिंग ग्राउंड से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है।

वायु सेना के लिए 56 सी-295 ट्रांसपोर्ट विमानों का सौदा होने के बाद अब नौसेना और भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के लिए 15 और एयरक्राफ्ट लेने की तैयारी में है। समुद्री सुरक्षा के लिहाज से यह विमान मल्टी-मोड रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक कैमरा और सोनोबॉय से लैस होंगे। 15 अतिरिक्त खरीदे जाने वाले सी-295 विमानों में 09 भारतीय नौसेना को और 06 आईसीजी के लिए होंगे। कंपनी भारत की समुद्री जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरुआती कुछ विमानों को संशोधित करेगी। डीआरडीओ इन विमानों को मध्यम दूरी के समुद्री टोही विमान के रूप में लैस करने के लिए समग्र परियोजना को क्रियान्वित करेगा। इसीलिए फ्रांस से भारत को मिले पहले सी-295 परिवहन विमान को पूर्वी समुद्री तट विजाग में भारतीय नौसेना के आईएनएस डेगा एयरबेस पर ठिकाना बनाया गया है।

दरअसल, नौसेना और तटरक्षक को नए टोही विमानों की तलाश है, ताकि पारंपरिक और आतंकी खतरों का समय पर पता लगाने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में अधिक प्रभावी ढंग से गश्त की जा सके। फिलहाल नौसेना के पास वर्तमान में 12 पी-8आई विमान हैं, जो लंबी दूरी के टोही मिशनों के लिए अमेरिका से 3.2 बिलियन डॉलर में खरीदे गए हैं। रडार और सेंसर के साथ-साथ हार्पून ब्लॉक-II मिसाइल से लैस यह विमान मुख्य रूप से दुश्मन पनडुब्बियों का शिकार करने के लिए हैं। भारत का समुद्री रणनीतिक क्षेत्र फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का जलडमरूमध्य तक फैला हुआ है। भारत के पास खतरों से बचाव के लिए 5,422 किलोमीटर की विशाल तटरेखा, 1,197 द्वीप और 20 लाख वर्ग किलोमीटर का ईईजेड भी है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/आकाश

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