भारत का इंटरपोल के विज़न 2030 को अपनाने एवं इंटरपोल फ्यूचर काउंसिल के गठन को समर्थन
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (हि.स.)। भारत के एक प्रतिनिधिमंडल ने वियना, ऑस्ट्रिया के वार्षिक इंटरपोल महासभा में शुक्रवार को भाग लिया, जो दुनिया में वरिष्ठ कानून प्रवर्तन अधिकारियों की सबसे बड़ी सभा है। इस वर्ष की महासभा इंटरपोल की 100वीं वर्षगांठ का भी प्रतीक है, जो उस शहर में लौटी है, जहां संगठन की स्थापना एक सदी पूर्व हुई थी।
भारत के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई) निदेशक प्रवीण सूद ने किया। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने भी हिस्सा लिया। भारत ने इंटरपोल के विज़न 2030 को अपनाने एवं इंटरपोल फ्यूचर काउंसिल के गठन का भी समर्थन किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने समन्वय के तंत्र को मजबूत करने पर इंटरपोल, यूरोपोल, प्रशांत द्वीप पुलिस संगठन के प्रमुखों एवं अमेरिकी वायु सेना विशेष जांच कार्यालय के वरिष्ठ कर्मियों के साथ भी चर्चा की है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने संगठित अपराध, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, ऑनलाइन कट्टरपंथ, साइबर सक्षम वित्तीय अपराधों से निपटने एवं सही समय पर इन अपराधों को रोकने हेतु ठोस कार्रवाई के लिए इंटरपोल चैनलों के माध्यम से समन्वय बढ़ाने के लिए कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चर्चा की। भारत ने अपराध, अपराधियों एवं अपराध से कमाई के लिए किसी भी सुरक्षित आश्रय स्थल से इनकार व अस्वीकार करने की आवश्यकता पर बल दिया है। अंतरराष्ट्रीय न्यायिक क्षेत्रों में सक्रिय आपराधिक संगठनों पर अंकुश लगाने के लिए समन्वित रणनीतियों की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया गया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑस्ट्रिया, यूएई, अमेरिका, यूके, नेपाल, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जापान, स्विट्जरलैंड, बांग्लादेश, सिंगापुर एवं जाम्बिया के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पुलिस सहयोग के मामलों पर विस्तृत चर्चा की है। पारस्परिक कानूनी सहायता एवं प्रत्यर्पण अनुरोधों में तेजी लाने हेतु इंटरपोल चैनलों के माध्यम से आपराधिक जानकारी को बेहतर ढंग से साझा करने पर चर्चा की गई। भारत, 1949 में इंटरपोल में शामिल हुआ और संगठन का सक्रिय सदस्य रहा है।
इससे पहले भारत ने 18 से 21 अक्टूबर, 2022 तक नई दिल्ली में 90 वीं इंटरपोल महासभा की मेजबानी की थी, जिसका उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री द्वारा किया गया था। भारत में 90 वीं इंटरपोल महासभा में 168 देशों के प्रतिनिधिमंडलों की अभूतपूर्व भागीदारी थी। इस दौरान वित्तीय अपराध एवं भ्रष्टाचार को रोकने हेतु सहयोगात्मक प्रतिक्रिया को मजबूत करने, ऑनलाइन बाल यौन शोषण के खतरे से लड़ने एवं इंटरपोल के भीतर विविधता को बढ़ावा देने हेतु महासभा द्वारा ऐतिहासिक प्रस्तावों को अपनाया गया था।
इंटरपोल द्वारा नई दिल्ली सत्र के दौरान, पहली वैश्विक अपराध प्रवृत्ति रिपोर्ट जारी की गई एवं संगठन ने मेटावर्स में भी अपनी उपस्थिति आरंभ की। 21 अक्टूबर को 90वीं इंटरपोल महासभा के समापन समारोह के दौरान भारत के केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा ऑस्ट्रिया को इंटरपोल ध्वज सौंपा गया था। तत्पश्चात, भारत ने वर्ष 2023 के पूर्वाध में इंटरपोल यंग ग्लोबल पुलिस लीडर्स कार्यक्रम की भी मेजबानी की थी, जिसमें 44 देशों ने हिस्सा लिया था।
सीबीआई अकादमी, इंटरपोल हेतु वैश्विक प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर उभरने के लिए इंटरपोल वैश्विक अकादमी नेटवर्क में जुड़ गई है। वर्ष 2023 में भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा वांछित 24 अपराधियों व भगोड़ों को इंटरपोल चैनलों के करीबी समन्वय के माध्यम से विदेश से भारत लौटे, जो एक वर्ष में अब तक की सबसे अधिक वापसी में से है। इसके आगे, भारत ने विभिन्न देशों में 184 से अधिक अपराधियों का पता लगाया है और उनकी वापसी के लिए औपचारिक कार्यवाही शुरू की है।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/दधिबल
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