भारत का वस्त्र उद्योग 2030 तक 35 हजार करोड़ डॉलर का होगा :  गिरिराज सिंह

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भारत का वस्त्र उद्योग 2030 तक 35 हजार करोड़ डॉलर का होगा :  गिरिराज सिंह


गिरिराज सिंह ने कहा कि कालीन भदोही की विरासत, तुर्की हमारे सामने कुछ नहीं एक्सपो में 67 देशों के 500 से ज्यादा आयातक प्रतिनिधि ले रहे हैं हिस्सा

भदोही, 15 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के भदोही में 47वें अन्तर-राष्ट्रीय कालीन मेले का शुभारम्भ मंगलवार को केंद्रीय सरकार में कैबिनेट एवं कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में वस्त्र उद्योग साल 2030 तक 35 हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। एक्सपो में 67 देशों के 500 से ज्यादा आयातक भाग ले रहे हैं।

भदोही में 47वें कार्पेट एक्सपो मार्ट के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है, इस लक्ष्य को पाने में कारपेट उद्योग की भूमिका अहम होगी।

श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान में वस्त्र उद्योग 170 मिलियन डॉलर का है जिसे 2030 तक 350 बिलियन डॉलर तक लाया जाएगा। कपड़ा मंत्रालय में इस बढ़ोतरी से 20 लाख मिलियन टन यार्न की जरूरत होगी। इसमें नेचुरल विस्कोस और रीप्रोड्यूस यार्न की आने वाले दिन में मांग बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि कालीन निर्यातक संगठन को इस पर ध्यान रखकर अपनी कार्य योजना बनानी चाहिए। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि कालीन उद्योग को अपना व्यापार 16 हजार करोड़ से 50 हजार करोड़ तक ले जाने की योजना पर कार्य करना चाहिए। दरी और कारपेट चचेरे भाई हैं। लोगों को रोजगार देने वाले इस उद्योग के विकास पर हमारा हर स्तर पर सहयोग रहेगा।

उन्होंने कहा कि कालीन भदोही की विरासत है और तुर्की हमारे सामने कुछ भी नहीं है। हमें इसमें तकनीक का प्रयोग कर अपनी विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य करना होगा। डिजाइन में नया पैटर्न लाकर अपनी विरासत को बढ़ाएं। उत्पादों का खर्च कम करने के लिए भदोही में कच्चे उत्पादन के लिए वूलन मिल लगाना चाहिए और कच्चा मटेरियल बैंक की भी स्थापना होनी चाहिए।

गिरिराज सिंह तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों सहयोग के लिए तत्पर हैं। उन्होंने घोषणा की कि 6 महीने के अंदर एक नया फाइबर पर काम हो रहा है जो जूट और बंबू से मिलकर तैयार होगा।

वस्त्र उद्योग के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए उत्पादन को निर्माण स्थान पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां के उद्योग के लिए कच्चा माल गुजरात से बीकानेर और बीकानेर से भदोही आती है। इससे कीमत बढ़ जाती है और इसे कम करने का रास्ता है कि यहां पर कच्चा पदार्थ का निर्माण हो।

उन्होंने कहा कि सस्ते कारपेट की मांग दुनिया में बढ़ रही है इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। सिंह ने कहा कि भदोही में आयोजित चार दिवसीय मेले में 67 देशों 500 से ज्यादा आयातक प्रतिनिधि और 260 निर्यातक देश के विभिन्न हिस्सों से भाग ले रहे है। भदोही का कार्पेट सिटी में चार दिवसीय मेला वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के द्वारा आयोजित हो रहा है। मेले के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान वस्त्र और विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गरिटा और उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री राकेश सचान भी रहे उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रभुनाथ शुक्ल

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