भारत की 'रॉकेट फोर्स' में होंगी 1500 किमी. दूरी तक की बैलिस्टिक मिसाइलें

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भारत की 'रॉकेट फोर्स' में होंगी 1500 किमी. दूरी तक की बैलिस्टिक मिसाइलें

- रॉकेट फोर्स बनाने का उद्देश्य मध्यम दूरी की मारक क्षमता को और मजबूत करना

- पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन के पास पहले से ही है अपनी-अपनी रॉकेट फोर्स

नई दिल्ली, 06 नवंबर (हि.स.)। चीन को सटीक जवाब देने के लिए भारत भी अपनी ‘रॉकेट फोर्स’ बना रहा है। भारत अपनी रॉकेट फोर्स में 1,500 किलोमीटर तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को शामिल करने पर विचार कर रहा है। सेनाएं पारंपरिक उपयोग के लिए सामरिक बल कमान में बैलिस्टिक मिसाइलों के मौजूदा बेड़े से चयन कर सकती हैं। रॉकेट फोर्स बनाने का उद्देश्य भारत की मध्यम दूरी की मारक क्षमता को मजबूत करना है, जो पहले से ही पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन के पास है।

पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रहे सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों के बीच चीन ने एलएसी के पास बड़ी संख्या में ‘रॉकेट फोर्स’ तैनात की है। चीन को पहले से ही अपनी रॉकेट फोर्स पर सबसे ज्यादा भरोसा रहा है। पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने यह रॉकेट फोर्स 2016 में अलग से बनाई थी, क्योंकि चीन के पास दुनिया में सबसे बड़ा रॉकेट का भंडार है। चीन की ‘रॉकेट फोर्स’ को जवाब देने के लिए भारत ने बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाली स्पेशल फोर्सेज को लद्दाख सीमा पर तैनात कर रखा है। देश के अलग-अलग स्थानों से पैरा स्पेशल फोर्स की यूनिट को लद्दाख में ले जाया गया है।

इसके साथ ही चीन को सटीक जवाब देने के लिए भारत ने भी अलग से ‘रॉकेट फोर्स’ बनाने का फैसला लिया है, क्योंकि भारत के पास भी दुनिया की बेहतरीन मिसाइलों का भंडार है। रॉकेट फोर्स बनाने की योजना से स्पष्ट संकेत है कि भारत सीमित युद्ध के दौरान बड़े पैमाने पर सतह से सतह मिसाइल का उपयोग करेगा। इसीलिए भारत ने अपने मिसाइल विकास और उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र की बदौलत रॉकेट फोर्स गठित करने की परिकल्पना की है। भारतीय रक्षा बल इस रॉकेट फ़ोर्स में लगभग 1,500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों के अधिग्रहण की मंजूरी दी है।

रॉकेट फोर्स बनाने का उद्देश्य भारत की मध्यम दूरी की मारक क्षमता को मजबूत करना है, जो पहले से ही पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन के पास है। अधिकारियों के अनुसार प्रलय मिसाइलें वर्तमान में बड़े पैमाने पर उत्पादित की जा रही हैं, जल्द ही परिचालन सेवा के लिए तैयार होने की उम्मीद है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं। प्रलय एक अर्ध-बैलिस्टिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। इस उन्नत मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए विकसित किया गया है। इसमें हवा में एक निश्चित दूरी तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/दधिबल

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