समुद्री क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनेगा भारत : सोनोवाल

समुद्री क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनेगा भारत : सोनोवाल
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समुद्री क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनेगा भारत : सोनोवाल


नई दिल्ली, 17 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग एवं आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत समुद्री क्षेत्र में भी दुनिया का नेतृत्व करेगा। हम इस क्षेत्र में भी वैश्विक शक्ति बनकर उभरेंगे। मोदी सरकार इस दिशा में व्यापक स्तर पर काम कर रही है।

सोनोवाल ने शुक्रवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम भारत के बंदरगाहों को सक्षम करने, शिपिंग क्षेत्र को सशक्त बनाने और जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के अंतिम लक्ष्य के साथ भारत को समुद्री क्षेत्र में वैश्विक शक्ति में बदलने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस संबंध में बीते अक्टूबर महीने में मुंबई में एक ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था।

सोनोवाल ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़े समुद्री शिखर सम्मेलनों में से एक ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (जीएमआईएस), 2023 में के दौरान 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाने में कामयाबी मिली है। इस बड़ी उपलब्धि के साथ, जीएमआईएस का तीसरे संस्करण 80 ट्रिलियन रुपये के निवेश का ‘अमृत काल विजन 2047’ हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि जहां हमने 10 ट्रिलियन रुपये के निवेश के साथ 360 एमओयू को सफलतापूर्वक पूरा किया, अब उनके त्वरित और सुचारू निष्पादन का समय है। हम इन सभी पहलों की प्रगति पर नजर रखने के साथ-साथ मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के साथ-साथ मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 की समय पर समीक्षा के लिए एक मासिक समीक्षा तंत्र स्थापित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम सागरमाला कार्यक्रम में उपलब्धियों के पैमाने और गति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

सोनोवाल ने कहा कि हम अपने बंदरगाहों को दुनिया के शीर्ष 25 बंदरगाहों में शामिल कराने के लिए काम कर रहे हैं। हमें 2047 तक भारत को समुद्री क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

सोनोवाल ने कहा कि 'पंच कर्म संकल्प' पर चलते हुए हम कोचीन शिपयार्ड में 'मेड इन इंडिया' ग्रीन टग्स के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिससे निर्यात के लिए अवसरों का एक नया द्वार खुल रहा है। हमें दीन दयाल बंदरगाह और वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर ग्रीन हाइड्रोजन हब स्थापित करने के लिए भी उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। इसी तरह, हमारे जलमार्गों को सशक्त बनाना मंत्रालय के लिए एक प्रमुख फोकस बना हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/दधिबल

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