‘गिर आरक्षित क्षेत्र’ के आसपास का कुल 1.84 लाख हेक्टेयर क्षेत्र ‘इको-सेंसेटिव जोन’ घोषित

WhatsApp Channel Join Now
‘गिर आरक्षित क्षेत्र’ के आसपास का कुल 1.84 लाख हेक्टेयर क्षेत्र ‘इको-सेंसेटिव जोन’ घोषित


‘गिर आरक्षित क्षेत्र’ के आसपास का कुल 1.84 लाख हेक्टेयर क्षेत्र ‘इको-सेंसेटिव जोन’ घोषित


- अभी तक गिर आरक्षित क्षेत्र की सीमा से 10 किलोमीटर क्षेत्र ‘इको-सेंसेटिव जोन’ में शामिल था

गांधीनगर, 25 सितंबर (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने ‘गिर आरक्षित क्षेत्र’ के आसपास कुल 1,84,766.20 हेक्टेयर क्षेत्र को ‘इको-सेंसेटिव जोन’ घोषित कर दिया है।अधिसूचना के अनुसार घोषित हुए नए इको-सेंसेटिव जोन क्षेत्र का अंतर गिर अभयारण्य से कम से कम 2.78 किलोमीटर तथा अधिक से अधिक 9.50 किलोमीटर रखा गया है।

राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री मुळुभाई बेरा ने बताया कि केन्द्र सरकार ने गुजरात में पाए जाने वाले एशियाई शेरों सहित देशभर में वन्य जीवों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए विभिन्न कानून लागू किए हैं। बेरा ने कहा कि इस नए ‘इको-सेंसेटिव जोन’ में कुल 17 नदियों के रिवर कॉरिडोर तथा शेरों के आवागमन वाले 4 महत्वपूर्ण कॉरिडोर शामिल किए गए हैं। गिर आरक्षित क्षेत्र में जूनागढ जिले के जूनागढ, विसावदर, माळिया हटीना व मेंदरडा तहसीलों के कुल 59 गांवों, अमरेली जिले के धारी, खांभा व सावरकुंडला तहसीलों के कुल 75 गांवों तथा गीर सोमनाथ जिले के उना, गीर सोमनाथ, कोडीनार व तालाला तहसीलों के कुल 65 गांवों यानी इन तीन जिलों के कुल 196 गांवों के 24,680.32 हेक्टेयर वनीय क्षेत्र और 1,59,785.88 हेक्टेयर अवनीय क्षेत्र सहित कुल 1,84,466 क्षेत्र शामिल होगा। इससे इस क्षेत्र में विचरण करने वाले सिंह परिवारों को विशेष संरक्षण मिलेगा। साथ ही, इस नए इको-सेंसेटिव जोन के लागू होने से गिर आरक्षित क्षेत्र की सीमा से 10 किलोमीटर के वर्तमान इको-सेंसेटिव जोन की सीमा में कमी आएगी, जिससे स्थानीय स्तर पर अन्य विकासोन्मुख गतिविधियों को और गति मिलेगी।

वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल ने कहा कि गुजरात में सिंहों तथा वन्य जीवों के लिए गीर नेशनल पार्क, गीर, पाणिया एवं मितियाळा अभयारण्य का कुल 1,468.16 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आरक्षित किया गया है। केन्द्र सरकार तथा उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश के अनुसार इस आरक्षित क्षेत्र की परिधि में स्थित क्षेत्रों को ‘इको-सेंसेटिव जोन’ घोषित करना होता है। जब तक इस आरक्षित क्षेत्र के लिए इको-सेंसेटिव जोन घोषित न हो, तब तक गाइडलाइन के अनुसार आरक्षित क्षेत्र की परिधि में स्थित 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र में इको-सेंसेटिव जोन लागू रहता है। इस कारण अब तक इस क्षेत्र की परिधि में स्थित 10 किलोमीटर तक क्षेत्र में इको-सेंसेटिव जोन लागू था। शेरों के संरक्षण के लिए गीर नेशनल पार्क, गीर, पाणिया एवं मितियाळा अभयारण्य के इको-सेंसेटिव जोन घोषित किए जाने का प्रस्ताव राज्य के वन विभाग द्वारा केन्द्र सरकार को भेजा गया था। भारत सरकार ने इस प्रस्ताव को ग्रहण करते हुए हाल ही में नए इको-सेंसेटिव जोन की प्राथमिक अधिसूचना जारी कर दी है।

इको-सेंसेटिव जोन में समाविष्ट क्षेत्र एक नजर में :-

•गिर आरक्षित क्षेत्र की परिधि में स्थित तीन जिलों के कुल 196 गांवों तथा 17 नदियों को शामिल किया गया

•नए जोन में जूनागढ, अमरेली व गीर सोमनाथ जिलों के क्षेत्रों का समावेश

•नए जोन में 24 हजार हेक्टेयर से अधिक वनीय एवं 1.59 लाख हेक्टेयर अवनीय क्षेत्र का समावेश

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story