आईआईटी दिल्ली और भारतीय वायुसेना ने तकनीकी वस्त्रों पर एआई-संचालित अनुसंधान के लिए हाथ मिलाया
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय वायु सेना के नागपुर स्थित मुख्यालय अनुरक्षण (एचक्यू) कमान और आईआईटी दिल्ली ने गुरुवार को विमानन वस्त्रों के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने पर सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौता ज्ञापन पर आईआईटी दिल्ली के डीन (आरएंडडी) प्रोफेसर नरेश भटनागर और वायुसेना के ग्रुप कैप्टन प्रशांत पाठक (कमांडिंग ऑफिसर 16 बीआरडी) ने प्रोफेसर आर अलागिरुसामी, विभागाध्यक्ष, टेक्सटाइल और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी दिल्ली और प्रोफेसर बिपिन कुमार, परियोजना समन्वयक, आईआईटी दिल्ली, ग्रुप कैप्टन असित कुमार (योजना और उत्पादन प्रमुख 16 बीआरडी, एएफ) और विंग कमांडर अरुण मनोहर (गुणवत्ता आश्वासन प्रमुख 16 बीआरडी, एएफ) की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन के तहत आईआईटी दिल्ली और भारतीय वायु सेना के नागपुर स्थित मुख्यालय अनुरक्षण (एचक्यू) कमान, विमानन ग्रेड वस्त्रों के क्षेत्र में स्वदेशीकरण के माध्यम से अप्रचलन प्रबंधन, आत्मनिर्भरता, उन्नयन और डिजिटलीकरण के क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देंगे।
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन प्रशांत पाठक के अनुसार सहयोग के लिए रुचि के कुछ क्षेत्रों में विभिन्न पैराशूट और सुरक्षा उपकरणों के लिए कच्चे माल का चयन (वस्त्र/कपड़ा), तकनीकी वस्त्र/कपड़े के परीक्षण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों/उपकरणों का विकास तथा पैराशूट और सुरक्षा उपकरणों से संबंधित उत्पाद डिजाइनों में शामिल करने के लिए नवीनतम मानक उपलब्ध कराना, वस्त्र/कपड़े के कच्चे माल/तैयार उत्पादों की गुणवत्ता स्वीकृति जांच के लिए एआई/रोबोटिक्स या इमेजिंग प्रौद्योगिकियों को लागू करना, मरम्मत के लिए फील्ड इकाइयों से प्राप्त पायलट पैराशूट/ब्रेक पैराशूट या कार्गो पैराशूट कैनोपी, संबंधित हार्नेस और क्रू रेस्ट्रेंट सिस्टम आदि जैसे तैयार उत्पादों की मशीन लर्निंग आधारित इमेजिंग प्रौद्योगिकी का नवाचार करना और पैराशूट और संबंधित सहायक उपकरणों का डिजाइन और विकास, विश्वसनीयता अध्ययन, सिमुलेशन अध्ययन, जीवन विस्तार अध्ययन शामिल हैं।
आईआईटी दिल्ली के एसोसिएट डीन, आरएंडडी, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह ने भारतीय रक्षा क्षेत्र की स्वदेशीकरण की बढ़ती मांग को संबोधित करने में इस साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विमानन-ग्रेड कपड़ा उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए आईआईटी दिल्ली के उन्नत अनुसंधान और आईएएफ की व्यावहारिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने की क्षमता पर प्रकाश डाला।
आईआईटी दिल्ली के कपड़ा और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के परियोजना समन्वयक प्रोफेसर बिपिन कुमार ने कहा कि आईआईटी दिल्ली और भारतीय वायुसेना के बीच साझेदारी से रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता में योगदान मिलने की उम्मीद है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार
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