अगले 10 वर्षों में ट्रिपल आईटी कोटा में पढ़ेंगे 25 हजार छात्र

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अगले 10 वर्षों में ट्रिपल आईटी कोटा में पढ़ेंगे 25 हजार छात्र


- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच अहम बैठक

- ट्रिपल आईटी कोटा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलकर नये कोर्सेस प्रारंभ होंगे

नई दिल्ली/कोटा, 17 दिसंबर (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच बुधवार को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में कोटा-बून्दी क्षेत्र में उच्च एवं स्कूली शिक्षा के समग्र विकास पर विस्तृत चर्चा की गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोटा देश का एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है, जहां सशक्त सड़क और रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध है एवं जल्द हवाई सेवा भी सुगम होने जा रही है। प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ लाख विद्यार्थी आईआईटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा आते हैं। ऐसे में ट्रिपल आईटी कोटा जैसे राष्ट्रीय संस्थान को ओर आधुनिक एवं प्रतिस्पर्धी बनाना समय की आवश्यकता है।

बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आगामी 10 वर्षों में ट्रिपल आईटी कोटा की छात्र क्षमता को चरणबद्ध बढ़ाकर 25 हजार तक करने की ठोस योजना बनाई जाएगी। इसके लिये ट्रिपल आईटी का समग्र विकास किया जाएगा। इंस्टीटयूट में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलकर नए व समसामयिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।

बैठक में यह भी तय हुआ कि ट्रिपल आईटी कोटा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन एनर्जी और वैश्विक जॉब मार्केट की मांग के अनुसार भविष्य उन्मुख कोर्सेस का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा। साथ ही, संस्थान में एआई आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, ऊर्जा अध्ययन, पम्प स्टोरेज और एटॉमिक स्टडीज जैसे क्षेत्रों में नई पहल शुरू करने पर सहमति बनी।

चंबल नदी क्षेत्र की प्राकृतिक समृद्धि और रावतभाटा में परमाणु ऊर्जा संयंत्र को देखते हुए कोटा को तकनीकी और ऊर्जा आधारित शिक्षा के लिए उपयुक्त बताया गया। इसे ध्यान में रखते हुये ट्रिपल आईटी कोटा को देश की एक आदर्श तकनीकी संस्था के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया। इस दिशा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने एक विशेष समिति गठित करने के निर्देश दिए, जो एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ने कोटा-बून्दी क्षेत्र में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधार का विषय भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने ‘नो योर कॉन्स्टिट्यूशन’ कार्यक्रम को विद्यालयों में व्यापक रूप से लागू करने, विद्यार्थियों को संविधान की मूल भावना से जोड़ने तथा प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों को संसद भ्रमण के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। इसके साथ ही पीएम श्री विद्यालयों की संख्या बढ़ाने, राजस्थान के लिए शिक्षा बजट में केंद्रीय सहायता बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विस्तार पर भी चर्चा हुई।

बैठक में केंद्र सरकार की ओर से संजय कुमार, सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता, धीरज साहू, अपर सचिव, स्कूल शिक्षा, विनीत जोशी, सचिव, उच्च शिक्षा, रीना सोनोवाल, संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा, राहुल सिंह, चेयरमैन सीबीएसई, सौम्या गुप्ता, संयुक्त सचिव, तकनीकी शिक्षा, प्रियांक चतुर्वेदी, निदेशक, त्रिपल आईटी, प्रो. एन.पी. पढ़ी, निदेशक त्रिपल आईटी कोटा तथा राज्य सरकार की ओर से कुलदीप रांका, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, कृष्ण कुणाल, सचिव, शिक्षा, अशोक कुमार मीणा और गजेंद्र सिंह राठौड़, सचिव, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, उपस्थित रहे। लोकसभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता तथा लोकसभा में संयुक्त सचिव गौरव गोयल भी बैठक में शामिल रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द

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