विज्ञापन सितारे सामाजिक, नैतिक ज़िम्मेदारी भी समझें: रमा पांडे

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विज्ञापन सितारे सामाजिक, नैतिक ज़िम्मेदारी भी समझें: रमा पांडे




नई दिल्ली, 16 दिसंबर (हि.स.)। फिल्म व थिएटर निर्देशक लेखिका रमा पांडे ने मंगलवार को कहा कि विज्ञापन में सितारों को अपनी कमाई के साथ-साथ सामाजिक और नैतिक ज़िम्मेदारी भी समझनी चाहिए।

उन्होंने यह बात दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) की ओर आयोजित 'स्टार्स शाइन' नामक एक अनूठी प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर कही। इसका विषय 'विज्ञापनों में सितारों की चमक: एक अनोखी विज्ञापन प्रदर्शनी' है, जो हिंदी सिनेमा के 1950 से 1990 तक के स्वर्णिम युग के फिल्मी सितारों से जुड़े विज्ञापनों पर केंद्रित है। प्रदर्शनी के क्यूरेटर इकबाल रिजवी हैं।

इस मौके पर मुख्य अतिथि लेखिका रमा पांडे, संचार रणनीतिकार सुशील पंडित और आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी सहित अन्य मीडिया के छात्र मौजूद थे।

रमा पांडे ने विज्ञापन की दुनिया को 'दिलों की दुनिया' बताते हुए कहा, मशहूर हस्तियों द्वारा किए जाने वाले विज्ञापनों में नैतिकता और ज़िम्मेदारी होनी चाहिये। उन्होंने स्पष्ट किया कि सितारों की कमाई जनता की जेब से आती है और जनता इन हस्तियों पर पूरा भरोसा रखती है। इसलिए सितारों की उतनी ही ज़िम्मेदारी निभानी होगी जितनी उन्हें अपनी कमाई प्यारी है।

रमा पांडे ने मांग की कि मशहूर हस्तियां गलत उत्पादों के विज्ञापन से परहेज करें, क्योंकि उनका प्रचार सीधे जनता के हितों को प्रभावित करता है।

सुशील पंडित ने विज्ञापन फिल्मकार दिवंगत पीयूष पांडेय को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि विज्ञापन लेखन अब कहानी, उपन्यास और कविता के समान साहित्य की नई विधा बन चुका है। उन्होंने बताया कि विज्ञापन केवल सूचना नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली रचनात्मक माध्यम है जो ग्राहक की भावनाओं और आकांक्षाओं को छूकर अमूर्त को भी मूर्त बनाता है।

मीडिया केंद्र के नियंत्रक अनुराग पुनेठा ने कहा कि इस प्रदर्शनी लगाने का उद्देश्य आईजीएनसीए में एक ऐसा केंद्र स्थापित करना, जो सिनेमा और फिल्म की इस विधा को आर्काइव करे, जिससे शोधकर्ताओं तथा विशेषज्ञों को अध्ययन का मौका मिल सके।

इस मौके पर अनुराग पुनेठा ने उद्घाटन भाषण दिया। इस अवसर पर विज्ञापन, संस्कृति और कला क्षेत्र से जुड़े विषय पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई।

उल्लेखनीय है कि विज्ञापन जगत, मीडिया और भारत की सांस्कृतिक विरासत को समझने वालों के लिए यह प्रदर्शनी अद्वितीय तथा बेहद महत्वपूर्ण है। यह दर्शकों को उन प्रतिष्ठित विज्ञापनों को फिर से जीने का मौका देती है, जिन्होंने दशकों तक भारतीय घरों पर अपना अमिट प्रभाव छोड़ा।

यह प्रदर्शनी मीडिया सेंटर की ओर से आज दिल्ली स्थित आईजीएनसीए के दर्शनम् गैलरी में लगाई गई है। प्रदर्शनी में न केवल अभिनेताओं, बल्कि लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी, मुकेश, बेगम अख़्तर जैसे प्रतिष्ठित गायकों और पटकथा लेखक सलीम खान जैसी हस्तियों द्वारा किए गए विज्ञापनों को भी शामिल किया गया है। प्रदर्शनी 21 दिसंबर तक लगी रहेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी

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