आई-एसटीईएम देशभर के शोधकर्ताओं, उद्योग द स्टार्टअप को लैब सुविधाओं से जोड़ेगा 'समावेश'
चेन्नई, 11 जनवरी (हि.स.)। केन्द्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की एक पहल पर भारतीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग सुविधाओं का मानचित्र (आई-एसटीईएम) एक 'समावेश' नामक परियोजना शुरू कर रही है। इससे देशभर के अनुसंधान सहयोग में क्रांति आ सकती है। इसका उद्देश्य है कि अनुसंधान के बुनियादी ढांचे और प्रयोगशालाओं को प्लेटफार्म उपलब्ध कर अनुसंधान सहयोग में क्रांतिकारी लाई जाए। इसका पूरे भारत के वैज्ञानिक और विकास कार्य में लगे विशेषज्ञ लाभ उठा सके।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार 'समावेश' की लॉन्चिंग 16 जनवरी 2024 को आईआईएससी, बेंगलुरु में होगी। यह परियोजना देशभर में संसाधन उपयोग बेहतर बनाने दिशा में काम कर रही है। आई-एसटीईएम 2024 के दौरान पूरे भारत में लगभग 50 'समावेश' आयोजित करने की योजना है। समावेश के संबंध में आई-एसटीईएम के मुख्य परिचालन अधिकारी और राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. हरिलाल भास्कर ने बताया कि हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत के अनुसंधान को एक महाशक्ति सहयोग मिल रहा है। इससे आपसी और समन्वय संपर्क बढ़ेगा, संसाधनों के उपयोग में साझेदारी होगी और एक राष्ट्रव्यापी अनुसंधान का भविष्य निखरेगा। छिपी हुईं प्रतिभाएं प्रयोगशालाओं से निकाल कर सफलताओं की कहानी गढेंगी। इस परियोजना का लक्ष्य एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शोधकर्ताओं को वैज्ञानिक संस्थानों से जोड़ा जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ आर. बी. चौधरी/सुनील
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