केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने की बाढ़ प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा, कहा- आपदा प्रबंधन शून्य हताहत दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा

केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने की बाढ़ प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा, कहा- आपदा प्रबंधन शून्य हताहत दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा
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केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने की बाढ़ प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा, कहा- आपदा प्रबंधन शून्य हताहत दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा


नई दिल्ली, 23 जून (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को बाढ़ प्रबंधन की समुचित तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने देश में बाढ़ की समस्या कम करने के लिए व्यापक और दूरगामी नीति तैयार करने के दीर्घकालिक उपायों की भी समीक्षा की।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का आपदा प्रबंधन “शून्य हताहत दृष्टिकोण” के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बाढ़ प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी परामर्श को समय पर लागू करने की अपील की। उन्होंने मौसम विभाग और केन्द्रीय जल आयोग को निर्देश दिया कि उन्हें वर्षा और बाढ़ चेतावनी में उपयोग होने वाले सभी उपकरणों को हर साल दुरुस्त करना चाहिए। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा उपलब्ध कराई गई सैटेलाइट इमेजिज़ के विभिन्न एजेसियों द्वारा अधिकतम इस्तेमाल पर भी बल दिया।

शाह ने सिक्किम और मणिपुर में हाल ही में आई बाढ़ का विस्तृत अध्ययन कर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट देने भी के निर्देश दिए। उन्होंने ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि देश के सभी प्रमुख बांधों के फ्लड गेट्स सुचारु रूप से कार्य कर रहे हों। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में कम से कम 50 बड़े तालाब बनाकर ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को डाइवर्ट करने की व्यवस्था हो, जिससे बाढ़ से निजात मिले और कृषि, सिंचाई व पर्यटन विकसित हों। नदियों के जलस्तर के पूर्वानुमान को अपग्रेड कर बाढ़ की समस्या को कम करने के प्रयास हों। साथ ही बाढ़ की स्थिति में जल-भराव से निपटने के लिए सड़क निर्माण के डिज़ाइन में ही प्राकृतिक जलनिकासी का प्रावधान हो।

गृह मंत्री ने जंगल की आग रोकने के लिए नियमित रूप से फायरलाइन बनाने, सूखे पत्तों को हटाने और स्थानीय निवासियों और वनकर्मियों के साथ समय-समय पर मॉक ड्रिल करने को कहा। इसके अलावा उन्होंने जोर दिया कि विभिन्न विभागों द्वारा विकसित की गईं, मौसम, वर्षा और बाढ़ चेतावनी संबंधित एप्स को एकीकृत किए जाने की ज़रूरत है।

बैठक के दौरान भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), एनडीआरएफ और एनडीएमए ने विस्तृत प्रस्तुतियां दीं। सभी संबंधित विभागों ने पिछले साल हुई बाढ़ समीक्षा बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने मौजूदा मानसून के लिए की गई अपनी तैयारियों और भविष्य की कार्ययोजना के बारे में भी जानकारी साझा की।

बैठक में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय गृह सचिव, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालयों एवं विभागों के सचिव, रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष, एनडीएमए के सदस्य और विभागाध्यक्ष, एनडीआरएफ और आईएमडी के महानिदेशक, एनएचएआई के अध्यक्ष और सीडब्ल्यूसी सहित अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनूप/रामानुज

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