आतंकवाद का स्वरूप बदल रहा है, हमें उससे दो कदम आगे रहना होगा: अमित शाह
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ आतंकवाद का स्वरूप बदल रहा है और उससे निपटने के लिए भारत को हमेशा दो कदम आगे रहना होगा। उन्होंने कहा कि आनेवाली पीढ़ियों के लिए एक अभेद्य और मजबूत आतंकवाद निरोधी ग्रिड बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
अमित शाह शुक्रवार को यहां आयोजित ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन’ के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। यह सम्मेलन गृह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित किया गया है। सम्मेलन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधि और कानून, फोरेंसिक व प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन केवल चर्चा का मंच नहीं बल्कि ऐसे ठोस और क्रियान्वयन योग्य निर्णयों का माध्यम है, जिन पर सालभर काम किया जाता है। उन्होंने सभी एजेंसियों से देश और दुनिया में हुई आतंकी घटनाओं का गहन विश्लेषण कर आतंकवाद निरोधी क्षमताओं को और मजबूत करने का आह्वान किया।
शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केन्द्र और राज्यों की सभी एजेंसियों को ‘टीम इंडिया’ की भावना के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशनल यूनिफॉर्मिटी, बेहतर इंटेलिजेंस शेयरिंग और समन्वित कार्रवाई से ही आतंकवाद को निर्णायक रूप से हराया जा सकता है।
गृह मंत्री ने इस अवसर पर एनआईए द्वारा अपडेट किए गए अपराध मैनुअल, हथियार ई-डेटाबेस और संगठित अपराध नेटवर्क से जुड़े डेटाबेस का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच बढ़ते गठजोड़ को तोड़ने के लिए इन आधुनिक डेटाबेस का प्रभावी उपयोग किया जाएगा।
शाह ने कहा कि देशभर में पुलिस के लिए एक कॉमन एटीएस स्ट्रक्चर अत्यंत आवश्यक है और सभी राज्यों को इसका शीघ्र अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और अधिक प्रभावी बन सके।
कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री, गृह सचिव, एनआईए के महानिदेशक सहित विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

