भारत अंतरिक्ष एवं अनुसंधान क्षेत्र में विश्व के पहले पांच देशों में शामिलः हरदीप पुरी
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (हि.स.)। केन्द्रीयमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आज भारत में 400 से अधिक निजी स्पेस कंपनियां हैं। भारत अंतरिक्ष एवं अनुसंधान क्षेत्र में विश्व के पहले पांच देशों में शामिल हो गया है। अब पूरा विश्व भारत के इस विकास के सफर में अपना विश्वास जता रहा है।
नई दिल्ली में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि साल 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार आई तो विपक्ष हमारे विजन के बारे में पूछता था और प्रधानमंत्री कहते थे कि वह छोटे-छोटे काम पूरा करने में विश्वास रखते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था पांचवें स्थान पर पहुंच गई है। एशियाई विकास बैंक ने भारत के लिए 6.7 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया है। बाहरी एजेंसियां भारत की विकास कहानी में अपना विश्वास जता रही हैं।
केन्द्रीयमंत्री ने कहा कि साल 1947-2014 की लंबी अवधि के दौरान हुए विकास कार्यों की तुलना में साल 2014 के बाद हुए विकास कार्य अधिक हैं। प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत ने विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है।अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग देश के विकास कार्यक्रमों में भी बढ़- चढ़ कर किया जा क रहा है। ब्लू इकोनॉमी और महासागर ऐसे क्षेत्र हैं जहां सिर्फ विज्ञान और प्रौद्योगिकी में देश की क्षमता का परीक्षण और विकास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, फसल बीमा योजना, जीआई टैग, नरेगा जैसे कई क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने में प्रयोग किया जा रहाै। आज, हमारी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 8 अरब अमेरिकी डॉलर की है। आज वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी लगभग 2 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में इस 2 प्रतिशत हिस्सेदारी को लगभग 10 प्रतिशत तक बढ़ाने की राह पर हैं।
उन्होंने कहा कि गगनयान परियोजना में मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता के प्रदर्शन की परिकल्पना की गई है और भारत ने 2040 से पहले चंद्रमा पर मानव भेजने का वादा किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित भारत बनेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/मुकुंद
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