गुजरात सरकार का ‘गरवी गुर्जरी’ को मिला केंद्र सरकार का ट्रेडमार्क ब्रांड

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गुजरात सरकार का ‘गरवी गुर्जरी’ को मिला केंद्र सरकार का ट्रेडमार्क ब्रांड


गुजरात सरकार का ‘गरवी गुर्जरी’ को मिला केंद्र सरकार का ट्रेडमार्क ब्रांड


-गुजरात राज्य हथकरघा और हस्तकला विकास निगम ने हासिल किया एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर

अहमदाबाद, 16 अगस्त (हि.स.)। गुजरात सरकार ने हथकरघा और हस्तकला क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है। केन्द्र सरकार ने गुजरात राज्य हथकरघा और हस्तकला विकास निगम लि. (जीएसएचएचडीसी) को उसके ब्रांड ‘गरवी गुर्जरी’ के लिए ट्रेडमार्क प्रमाणपत्र दिया है। निगम ने ‘गरवी गुर्जरी’ के लिए यह ट्रेडमार्क प्राप्त कर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है।

निगम पिछले कई दशकों से हथकरघा और हस्तकला के उत्पादों के लिए एक एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है। निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) ललित नारायण सिंह सांदु ने बताया कि पिछले दो दशकों से लगातार राज्य की पारंपरिक कला-कारीगरी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, और इसके परिणामस्वरूप निगम के ‘गरवी गुर्जरी’ ब्रांड को केन्द्र सरकार का ट्रेडमार्क सर्टिफिकेट हासिल हुआ है। भारत सरकार की ओर से प्राप्त यह ट्रेडमार्क सर्टिफिकेट राज्य के हथकरघा और हस्तकला क्षेत्र के विकास एवं सुरक्षा के नए आयाम के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।

ट्रेडमार्क सर्टिफिकेट से क्या फायदा होगा

किसी भी व्यवसाय को ट्रेडमार्क सर्टिफिकेट मिलना उसके लिए एक बड़ी कानूनी सुरक्षा होती है। इस सर्टिफिकेट के मिलने के बाद अब निगम ‘गरवी गुर्जरी’ नाम या उसके लोगो के किसी भी अनधिकृत उपयोग को रोक सकेगा और अपनी ब्रांड पहचान के विशिष्ट अधिकार प्राप्त कर सकेगा। यह कानूनी सुरक्षा निगम को बाजार में उसकी उपस्थिति और प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखने में मदद करेगी और उसके उल्लंघन के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का अधिकार देगी। ट्रेडमार्क का पंजीकरण ‘गरवी गुर्जरी’ को हथकरघा एवं हस्तकला उत्पादों के विशाल बाजार में एक विशिष्ट पहचान स्थापित करने में भी मदद करेगा।

समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए रक्षा कवच बनेगा ट्रेडमार्क

‘गरवी गुर्जरी’ ने ट्रेडमार्क के साथ अपने ब्रांड के उत्पादों को कानूनी तौर पर संरक्षित कर प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल किया है। निगम ने इसके जरिए फ्रेंचाइजिंग और लाइसेंसिंग के अवसरों के लिए अपने दरवाजे भी खोल दिए हैं और ‘गरवी गुर्जरी’ को अपना दायरा और राजस्व बढ़ाने के लिए सक्षम बनाया है। इससे अनधिकृत संस्थाओं के गुजरात की पारंपरिक कारीगरी के दुरुपयोग या गलत प्रस्तुतिकरण पर रोक लगेगी। भविष्य की पीढ़ियों के लिए विरासत को संरक्षित रखने में मदद मिलेगी और वह ग्राहकों को ‘गरवी गुर्जरी’ उत्पादों की गुणवत्ता एवं प्रामाणिकता का आश्वासन भी दे सकेगा। इसके साथ ही हथकरघा एवं हस्तकला उत्पादों के निर्धारित मानकों को भी पूरा किया जा सकेगा, जो ग्राहक का विश्वास एवं संतोष को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इस ट्रेडमार्क के कारण ‘गरवी गुर्जरी’ अन्य ब्रांडों के मुकाबले अपनी विशिष्टता को प्रस्तुत कर ग्राहकों के मन में छा जाएगा और इस तरह विभिन्न प्लेटफॉर्म पर निगम के ब्रांड को विश्वासपूर्वक प्रोत्साहन देने में सहभागी बनेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय / सुनील सक्सेना

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