गुजरात के बाढ़ ग्रस्त शहरों में तीनों सेनाओं का राहत अभियान तेज
- वायु सेना ने 3500 से अधिक राहत पैकेट हवाई जहाज से गिराए-नौसेना ने कई टीमें तैनात कीं, अतिरिक्त बचाव दल स्टैंडबाय पर
नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। गुजरात के बाढ़ग्रस्त शहरों में तीनों सेनाओं ने राहत अभियान चला रखा है। वायु सेना ने तीन दिनों में 18 लोगों को एयरलिफ्ट करने के साथ ही 3500 से अधिक राहत पैकेट हवाई जहाज से गिराए हैं। सेना की गोल्डन कटार डिवीजन की बाढ़ राहत टुकड़ी ने खंभालिया, द्वारका से 150 फंसे हुए लोगों को निकाला है। भारतीय नौसेना ने भी बचाव एवं राहत कार्य बढ़ाने के लिए टीमें तैनात की हैं और अतिरिक्त बचाव दल को स्टैंडबाय पर रखा है।
वायु सेना ने गुजरात के बाढ़ग्रस्त शहरों के लिए राहत अभियान तेज कर दिया है।तीन दिनों के भीतर भारतीय वायुसेना ने चौबीसों घंटे किए गए ऑपरेशन के दौरान 18 लोगों को एयर लिफ्ट किया और 3500 से अधिक आवश्यक आपूर्ति पैकेट हवाई मार्ग से गिराए।वायु सेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए विभिन्न एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं, जिसमें परिवहन विमानों ने राहत सामग्री को निकटतम हवाई क्षेत्रों में पहुंचाया। हेलीकॉप्टरों में चेतक, चीता, एमआई-17 शामिल हैं, जिन्होंने जामनगर और वडोदरा में फंसे स्थानीय लोगों के लिए जीवन रक्षक आवश्यक वस्तुएं गिराईं।
गोल्डन कटार डिवीजन की बाढ़ राहत टुकड़ी ने खंभालिया, द्वारका से 150 फंसे हुए लोगों को निकाला। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने भारतीय सेना की टीम से बातचीत की और भारी बारिश के बावजूद राहत कार्यों को सराहा। भारतीय सेना की टुकड़ियां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों वडोदरा, जामनगर और राजकोट में भोजन और चिकित्सा सेवा प्रदान कर रही हैं। अब तक 10 हजार से अधिक परिवारों को राहत सामग्री के साथ सहायता पहुंचाई गई है।भारतीय सेना की बाढ़ राहत टीमें, बाल्ड ईगल ब्रिगेड, बाबावाड़ी मांडवी में बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। टीमें हर मुश्किल का सामना कर रही हैं और अब तक 200 लोगों को निकाला जा चुका है तथा प्रभावित स्थानीय लोगों को चिकित्सा सहायता दी जा रही है।
भारतीय नौसेना ने गुजरात में एचएडीआर प्रयासों को बढ़ाने के लिए टीमें तैनात कीं हैं। गुजरात में लगातार बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति के कारण स्थानीय प्रशासन के अनुरोध पर एचएडीआर प्रयासों को बढ़ाने के लिए पोरबंदर और जामनगर में भारतीय नौसेना की बाढ़ राहत टीमों को तैनात किया गया है। मोरना और फतना गांवों में संबंधित विशेषज्ञ उपकरणों के साथ पोरबंदर से दो बचाव दल तैनात किए गए। टीम ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में सहायता की। बेदी मरीन पुलिस स्टेशन और जामनगर शहर के पास जामनगर से बचाव दल को संबंधित उपकरणों के साथ तैनात किया गया, जिसने 50 बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके अलावा आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए संबंधित उपकरणों के साथ अतिरिक्त बचाव दल को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम
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