अहमदाबाद में गिरफ्तार चारों आतंकियों के इरादे थे खतरनाक, पाकिस्तान से मिल रहे थे आदेश

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अहमदाबाद में गिरफ्तार चारों आतंकियों के इरादे थे खतरनाक, पाकिस्तान से मिल रहे थे आदेश


आतंकियों के पास मिले मोबाइल में मिले वीडियो में तमिल में शपथ लेते दिखे चारों

अहमदाबाद, 22 मई (हि.स.)। अहमदाबाद हवाईअड्डा से पकड़े गए श्रीलंकाई मूल के चार आतंकियों का एक वीडियो गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के हाथ लगा है। इस वीडियो में चारों आतंकी मोहम्मद नुसरत, मोहम्मद नफरान, मोहम्मद रसद्दीन और मोहम्मद फरीस तमिल भाषा में शपथ लेते दिखाई दे रहे हैं। वहीं पाकिस्तान में बैठा हैंडलर अबु उनका ब्रेन वाश करते दिखाई देता है। इन चारों आतंकियों को अबु ने ही एक-दूसरे के साथ मुलाकात कराई थी। इन चारों का ब्रेन वॉश कर अबु ने अपने साथ जोड़ा था। सभी को चार महीना पहले अलग-अलग प्रशिक्षण देने की भी जानकारी मिली है। इसके बाद सभी को अहमदाबाद आने का टास्क दिया गया।

दरअसल, गुजरात एटीएस ने 19 मई, 2024 को फ्लाइट के जरिए श्रीलंका से चेन्नई और चेन्नई से अहमदाबाद पहुंचे चार आतंकियों को अहमदाबाद हवाईअड्डा से पकड़ा था। इन सभी को 20 मई को अहमदाबाद के घीकांटा स्थित मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में पेश कर 14 दिन के रिमांड पर लिया गया था। एटीएस को आतंकियों के पास से मिले मोबाइल फोन में तमिल भाषा में बन एक वीडियो मिला। इस वीडियो में आतंकी शपथ लेकर कह रहे हैं कि अबु उनका आका है और वे उसके लिए समर्पित हैं।

एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि यह सभी मंझे हुए अपराधी हैं। इन सभी को अहमदाबाद में हथियार हासिल करने के बाद आगे का टार्गेट सौंपा जाना था। जानकारी के अनुसार चारों आतंकियों के अहमदाबाद पहुंचने से चार दिन पहले गांधीनगर के रास्ते में नाना चिलोडा के समीप तीन पिस्तौल और 20 कारतूस छिपा कर रखे गए थे। एटीएस सीसीटीवी कैमरा की मदद से हथियार रखने वालों की तलाश में जुटी है। इसके अलावा इन चारों आतंकियों के पास महज दो फोन थे और यह भी नए खरीदे गए थे। इन दोनों में से एक में प्रोटोन ई-मेल और दूसरे में सिग्नल एप्लिकेशन मिला है। इस सिग्नल एप्लिकेशन के जरिए वे आपस में सम्पर्क में थे। यह सभी पाकिस्तान में बैठे अपने आका अबु के आदेश का इंतजार कर रहे थे। आतंकियों को बताया गया था कि उन्हें अहमदाबाद हवाईअड्डा पर उतरने के बाद सबसे पहले किसी सस्ते होटल में रुकना है। इसके बाद नए आदेश मिलने पर दिए गए लोकेशन से हथियार लेना है। हथियार के लोकेशन के लिए उन्हें छह फोटो भेजे गए थे। इसमें किधर से मुड़ना है, किस जगह पर खड़ा रहना है और किस पत्थर के नीचे हथियार हैं, यह सारी जानकारी पूरे सिक्वेंस के साथ दी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच में इंटेलिजेंस ब्यूरो आईबी, रिसर्च एनालिसिस विंग रॉ, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को जोड़ा गया है। छह राज्य की जांच एजेंसी और पुलिस भी मामले के विवरण की प्रतिक्षा कर रही हैं।

आतंकियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आई है। इन सभी से बात करने के लिए छह दुभाषियों से मदद ली गई है। आतंकी हिंदी, गुजराती या अंग्रेजी में बात करने में असमर्थ हैं, वहीं इन्हें सिर्फ तेलुगू भाषा की जानकारी है। पूछताछ में आतंकियों ने जांच एजेंसी को गुमराह करने की भी कोशिश की और बताया कि वे व्यापारी हैं। टेक्सटाइल का बिजनेस करने आए थे। इधर, एटीएस का दावा है कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर आए हैं, उन्हें अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान है। जांच के दौरान गुजरात में स्लीपर सेल के एक्टिव होने की भी जानकारी मिली है। इस वजह से स्थानीय स्तर पर भी जांच शुरू की गई है, जिससे पता चले कि स्थानीय स्तर पर कौन-कौन मदद कर रहा था।

एटीएस का दावा है कि इनमें से दो आतंकी नुसरथ और नाफरान कई बार भारत आ चुके हैं। नुसरथ मुंबई हवाईअड्डा पर दो बार गोल्ड स्मगलिंग केस में पकड़ा जा चुका है। उसके विरुद्ध श्रीलंका में भी मारपीट और ड्रग्स का केस चल रहा है। अन्य आतंकी फारिस पर भी श्रीलंका में ड्रग्स का केस चल रहा है। अन्य एक आतंकी नाफरान भी ड्रग्स और गोल्ड स्मगलिंग करता था।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद

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