मप्रः खजुराहो नृत्य समारोह में राग बसंत की लय पर बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
- कथक करते हुए 1484 घुंघरू साधकों ने दिखाई भारतीय संस्कृति की झलक
- नृत्य की झंकार से एक बार फिर मुस्कुराई खजुराहो की धरा
भोपाल, 20 फरवरी (हि.स.)। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहों में राग बसंत की लय पर 1484 कथक नृत्य साधकों के थिरकते कदमों ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड रच दिया। हाथों में दीपक लेकर जब लय और ताल के साथ घुंघरू साधकों के कदम मिले तब भारतीय संस्कृति और परंपरा एक साथ मुस्कुरा उठीं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्राचीन वाद्य यंत्र नगाड़ा की ताल और नृतकों के घुंगुरुओं की झंकार ने 50वें खजुराहों नृत्य समारोह की ऐतिहासिक उपलब्धि को यादगार बना दिया।
दरअसल, मंगलवार शाम को खजुराहो में 50वें खजुराहों नृत्य समारोह का शुभारंभ हुआ। समारोह के 50वें वर्ष को खास और यादगार बनाने के लिए कथक कुंभ का आयोजन हुआ जिसमें 1484 कलाकारों द्वारा कथक नृत्य की समवेत प्रस्तुति देकर नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया गया। सुप्रसिद्ध नृत्य गुरु राजेंद्र गंगानी की कोरियोग्राफी में प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए नर्तक नृत्यांगनाओं ने 20 मिनट की प्रस्तुति को राग बसंत में निबद्ध कर प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का पर्व मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में भगवान नटराज महादेव को समर्पित साधना की यह उपलब्धि भारतीय संस्कृति का गौरव बन भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करेगी। नृत्य आराधना परमात्मा की साधना का मार्ग है। यह ईश्वर से सीधा संपर्क का पवित्र माध्यम है। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए नृत्य गुरुओं और नर्तक नृत्यांगनाओं को कीर्तिमान रचने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।
जनजातीय और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए खजुराहो में बनेगा देश का पहला गुरुकुल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की उपलब्धि को विशेष बनाते हुए खजुराहो में देश के पहले जनजातीय और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए गुरुकुल स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गुरुकुल में जनजातीय और ग्रामीण समुदायों की पारंपरिक कलाओं मसलन शिल्प, नृत्य, गायन, वादन, चित्र और उनके मौखिक साहित्य को वरिष्ठ गुरुओं के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी। इस गुरुकुल की परिकल्पना इस तरह से होगी, जहां ग्रामीण जनजीवन में उनके समग्र विकास के साथ पारंपरिक हुनर और देशज ज्ञान पद्धतियों को संरक्षण मिलेगा। साथ ही पूर्वजों की विरासत को भी विस्तार मिलेगा।
संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, वन, पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, खजुराहो सांसद वीडी शर्मा, प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला सहित बड़ी संख्या में कला प्रेमी और आमजन इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।
उल्लेखनीय है कि विश्व संगीत नगरी ग्वालियर में डेढ़ माह पहले ही तानसेन समारोह के अंतर्गत ताल दरबार कार्यक्रम में एक साथ 1,282 तबला वादकों की प्रस्तुति ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में मध्यप्रदेश का कीर्तिमान स्थापित किया था। अब खजुराहो में 1484 कलाकारों ने एक साथ कथक नृत्य प्रस्तुत कर एक नया कीर्तिमान रचा। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने कार्यक्रम में दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव को विश्व रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र प्रदान किया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात
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