प्रधानमंत्री ने वाराणसी में केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से किया संवाद
- कहा- विकसित भारत संकल्प यात्रा को सांसद के नाते सफल बनाने का उनका भी है दायित्व
वाराणसी, 17 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रविवार को विकसित भारत संकल्प यात्रा पर आधारित प्रदर्शनी में शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा को सांसद के नाते समय देकर सफल बनाने का दायित्व उनका भी है। आज सांसद और सेवक के रूप में हिस्सा लेने काशी आया हूं।
प्रधानमंत्री ने नदेसर स्थित छोटा कटिंग मेमोरियल परिसर में विकसित भारत संकल्प यात्रा पर आधारित प्रदर्शनी के अवलोकन के बाद केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार में अब तक चार करोड़ परिवारों को पक्का घर मिल चुका है। सरकार जो योजना बनाती है, जिसके लिए बनाती है, वो योजना बिना परेशानी के उसके पास तक पहुंचे। लाभार्थी को चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कई लोगों को योजना का अभी भी लाभ नहीं मिला है। तो हमने तय किया कि हम पता लगाएंगे तो हिसाब-किताब भी मिल जाएगा। ये यात्रा मेरी भी कसौटी है, मेरी भी परीक्षा है। मैं आपसे सुनना चाहता था कि काम हुआ है कि नहीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी जब यह सुनता है कि उसके काम से किसी को फायदा मिल गया तो उसे सुकून मिलता है। मुझे भी अच्छा लगता है जब लोग कहते हैं मुझे फायदा मिला। एक बहन कह रही थी, अमीर गरीब का भेद मिट गया। जब वो कहता है कि जब मैं पक्के घर में रहने गया तो आत्मविश्वास इतना बढ़ गया। पक्का घर मिलते ही दीवारें नहीं, छत ही नहीं जिंदगी आत्मविश्वास से भर गई है। उस लाभार्थी के मुंह से सुन लगता है जीवन धन्य हो गया कि चलो किसी की जिंदगी में बदलाव आ गया।
विकसित भारत संकल्प यात्रा में नंदघर पहुंचे प्रधानमंत्री ने छोटे-छोटे बच्चों से संवाद भी किया। बच्चों से सवाल भी पूछे। इसके बाद विभिन्न सरकारी योजनाओं के स्टाल पर जाकर उनके बारे में जानकारी ली। लाभार्थियों से भी मिले। उनसे योजनाओं तक आसान हुई पहुंच के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान योजना के लाभार्थियों से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को अपनी कसौटी बताया। प्रधानतंत्री ने कहा कि आने वाले 25 सालों में देश की समस्याओं को खत्म करने की ताकत सरकार के पास आई है। यह सब विकसित भारत संकल्प की वजह से हुआ है।
उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि हिंदुस्तान के हर आदमी को लगे कि यह आफिस मेरा है, यह रेल मेरी है, यह बैंक मेरा है, यह देश मेरा है। उन्होंने कहा कि हर मां-बाप चाहता है कि उसके बच्चे अशिक्षित न रहें। जब इन योजनाओं की सारी जानकारी उसे मिलती है तो उसे लगता है कि यही समय है कि हम भी कुछ करें। जब यह 140 करोड़ लोगों के मन में यही लगता है तब लगता है कि देश आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भी घर की तरह है। घर में पैसे होने चाहिए। वैसे ही देश के पास भी पैसे होने चाहिए। इससे हर किसी की जरूरतें पूरी होती हैं। भारत विकसित हो गया न, तो मुसीबतें खत्म हो जाएंगी। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन का जिक्र कर कहा कि देश को आजादी कैसे मिली, कोई चरखा चलाता था तो लोग पूछते थे कि चरखा क्यों चलाते हो तो जवाब था देश की आजादी के लिए, खादी क्यों पहनते हो तो जवाब मिलता था आजादी के लिए, उपवास करता हूं तो आजादी के लिए सफाई का काम करता हूं आजादी के लिए। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'विकसित भारत' का संकल्प भी लोगों को दिलाया।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पवन
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