गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल के फूलिया में भारतीय हस्तकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान के नए परिसर का किया उद्घाटन
कोलकाता, 05 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के फूलिया में भारतीय हस्तकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएचटी) के स्थायी परिसर का उद्घाटन किया। यह अत्यधुनिक परिसर 75.95 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और 5.38 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
गिरिराज सिंह ने उद्घाटन के अवसर पर कहा कि यह संस्थान न केवल छात्रों को शिक्षित करेगा, बल्कि देश के हस्तकरघा क्षेत्र को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने घोषणा की कि इस संस्थान में पहले वर्ष के लिए छात्रों की प्रवेश क्षमता को 33 से बढ़ाकर 66 किया जाएगा। मंत्री ने भारत के वस्त्र उद्योग को 2030 तक 300 अरब डॉलर के बाजार आकार तक पहुंचाने और इस क्षेत्र में छह करोड़ रोजगार सृजित करने की सरकार की योजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह संस्थान इस लक्ष्य को हासिल करने में सहायक होगा, क्योंकि यह हस्तकरघा कारीगरों के बच्चों को उच्च कौशल प्रदान करेगा और उद्योग को आत्मनिर्भर बनाएगा।
उद्घाटन समारोह के दौरान सभी छह केंद्रीय आईआईएचटी के लिए एकीकृत वेबसाइट लॉन्च की गई। इसके अलावा, मंत्री ने देशभर के आईआईएचटी के शीर्ष 10 छात्रों को पदक और मेरिट प्रमाणपत्र प्रदान किए।
परंपरा और नवाचार का संगम-केंद्रीय सिंह ने बंगाल के हस्तकरघा उद्योग की समृद्ध विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि औद्योगिक क्रांति से पहले बंगाल की हथकरघा कृतियां मैनचेस्टर के कपड़ों से भी अधिक लोकप्रिय थीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संस्थान पारंपरिक हस्तकला को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़कर इस विरासत को पुनर्जीवित करेगा।
मंत्री ने इस अवसर पर कंप्यूटर एडेड फिगर्ड ग्राफ डिजाइनिंग फॉर जैक्वार्ड वीविंग नामक पुस्तक का विमोचन भी किया और एनआईएफटी कोलकाता के डिज़ाइन इनपुट के साथ फ्लैक्स और लिनेन जैसे कच्चे माल का उपयोग करने की योजना पर प्रकाश डाला।
'आत्मनिर्भर भारत' की ओर एक कदम-अपने संबोधन के अंत में, मंत्री ने कहा कि यह संस्थान सादगी, परंपरा और नवाचार का संगम है और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस विश्वस्तरीय संरचना को पश्चिम बंगाल को समर्पित करते हुए इसे हस्तकरघा क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का माध्यम बताया। यह परिसर स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी और अत्याधुनिक परीक्षण प्रयोगशालाओं से सुसज्जित है, जो हस्तकरघा और वस्त्र प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता का केंद्र बनने की क्षमता रखता है। यह संस्थान पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और सिक्किम के छात्रों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करेगा।
इस कार्यक्रम में स्थानीय सांसद, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पहल के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर
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