जनरल मनोज पांडे ने नए थल सेना भवन के निर्माण कार्यों को देखा
- अगले 27 महीनों में लगभग 760 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होने की उम्मीद
- नए सेना भवन परिसर में चार प्रवेश द्वार होंगे और यह भूकंपरोधी इमारत होगी
नई दिल्ली, 05 जून (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बुधवार को दिल्ली छावनी में बन रहे नए थल सेना भवन के निर्माण कार्यों को देखा। उन्हें चल रही परियोजना में हरित पहलों और सर्वोत्तम इंजीनियरिंग प्रथाओं के बारे में जानकारी दी गई। यहां 476 पूर्ण विकसित पेड़ों का प्रत्यारोपण किया गया है। इसके अलावा 5790 पौधरोपण करके पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा का उपयोग किया गया है। इस थल सेना भवन का निर्माण भारतीय सेना की ‘गो ग्रीन पहल’ के अनुरूप किया जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस साल जनवरी में शुरू हुआ निर्माण कार्य लगभग 760 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होने की उम्मीद है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फरवरी, 2020 में दिल्ली छावनी में इस नए भवन के निर्माण की नींव रखी थी। दिल्ली छावनी में 39 एकड़ क्षेत्र में बन रहा भारतीय सेना का नया मुख्यालय 'थल सेना भवन' 2025 तक तैयार हो जाने की संभावना है। थल सेना भवन की परिकल्पना एक बहुमंजिला हरित भवन के रूप में की गई है। नए सेना मुख्यालय में विभिन्न कार्यालय परिसरों और पार्किंग स्थलों के लिए 7.5 लाख वर्ग मीटर का क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
इस भवन में बुनियादी सुविधाओं के साथ सुरक्षा कर्मियों के लिए कार्यालय और आवासीय परिसर होगा। नई इमारत में 1,700 से अधिक सैन्य और नागरिक अधिकारियों और 1,300 उप-कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा। वर्तमान में सेना मुख्यालय कई इलाकों में फैला हुआ है, जिसमें साउथ ब्लॉक, सेना भवन, आरके पुरम, शंकर विहार और अन्य स्थान हैं। भवन तैयार होने के बाद इसमें एक विशाल अशोक चक्र नजर आएगा। नई इमारत में 300 वाहनों के लिए एक बेसमेंट पार्किंग और 2,500 वाहनों के लिए खुली पार्किंग भी होगी।
नए सेना भवन के परिसर में चार प्रवेश द्वार होंगे और यह भूकंपरोधी इमारत होगी। छह मंजिला इमारत का मुख्य आकर्षण इसके शीर्ष पर स्थित धर्म चक्र होगा। इस बिल्डिंग को इस तरह से बनाया जाएगा कि दूर से ही इसे देखा जा सके। इस भवन में लेफ्टिनेंट जनरल, मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर जैसे शीर्ष अधिकारियों के लिए आधुनिक कार्यालयों की योजना बनाई गई है। नए सेना मुख्यालय में एक व्यायामशाला और एक केंद्रीय पुस्तकालय भी होगा। आवासीय परिसर के लिए एक अलग भवन भी होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम
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