जेम ने वित्त वर्ष 2024 में 4 लाख करोड़ जीएमवी का बनाया नया रिकॉर्ड
- पिछले वर्ष 2 लाख जीएमवी का था कीर्तिमान
नई दिल्ली, 29 मार्च (हि.स.)। गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जेम) ने वित्त वर्ष 2024 में 4 लाख करोड़ रुपये के सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) को हासिल कर लिया है जो पिछले वित्त वर्ष के जीएमवी से लगभग दोगुना है। यह पोर्टल की अनूठी डिजिटल क्षमताओं और व्यवहारिकता को स्पष्ट रूप से स्थापित करता है, जिसने सार्वजनिक खरीद के क्षेत्र में दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता की सुविधा प्रदान की है।
जेम पोर्टल के माध्यम से सेवाओं की खरीद इस आश्चर्यजनक कीर्तिमान के पीछे एक महत्वपूर्ण शक्ति साबित हुई है। इस सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) का लगभग 50 % सेवाओं की खरीद से आया है, जो पिछले वित्त वर्ष में जेम पर खरीदी गई सेवाओं के मुकाबले 205 % की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। बाजार तक आसान पहुंच बनाकर, जेम ने बाज़ार के पहले से स्थापित और प्रमुख सेवा प्रदाताओं के कार्टेल को तोड़ने में असाधारण रूप से सफल रहा है जिससे छोटे घरेलू उद्यमियों के लिए किसी भी समय और कहीं से भी सरकारी निविदाओं में भाग लेने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। जेम पर बड़ी संख्या में सेवाओं की उपलब्धता ने राज्यों को ऐसे नवीन समाधान प्राप्त करने में सक्षम बनाया है जो उनकी सभी ज़रूरी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
जेम पर राज्यों की बढ़ती भागीदारी ने भी सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में इस अभूतपूर्व वृद्धि को बढ़ावा दिया है। चालू वित्त वर्ष में गुजरात, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे सबसे अधिक खरीद वाले प्रदेशों ने राज्यों की ओर से इस वर्ष के लिए निर्धारित सार्वजनिक खरीद लक्ष्य को पार करने में महत्वपूर्ण मदद की है। केन्द्र सरकार के मंत्रालयों और केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा किए गए योगदान ने भी सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) को काफी बढ़ावा दिया है। इन सरकारी संगठनों ने ₹ 4 लाख करोड़ के इस ऐतिहासिक स्थिति को पाने में लगभग 85 % का योगदान दिया है। विशेष रूप से, कोयला मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और उनकी सहायक कंपनियों ने केंद्रीय स्तर पर सबसे अधिक खरीद करने वाली संस्थाएं बनकर उभरी हैं।
जेम के 1.5 लाख से अधिक सरकारी खरीदारों और 21 लाख से अधिक विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के विशाल नेटवर्क ने इस अविश्वसनीय उपलब्धि को संभव बनाया है। अंतिम पायदान के खरीदारों और विक्रेताओं की व्यापक भागीदारी के माध्यम से जेम ने जमीनी स्तर के उद्यमियों को अपने प्लेटफार्म से जुड़ने को बढ़ावा दिया है। 89421 पंचायतों और 760 से अधिक सहकारी समितियों को अपने खरीद प्लेटफार्म के साथ जोड़कर जेम ने स्थायी खरीद की सुविधा प्रदान करने के साथ ही देश में प्रशासन के अंतिम स्तर पर सार्वजनिक व्यय में अनुकूलतम स्थिति को सुनिश्चित किया है।
जेम के मुख्य कार्याधिकारी श्री पीके सिंह ने कहा, 'वोकल फॉर लोकल', 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट', 'स्टार्टअप रनवे', 'वुमनिया' आदि जैसी अपनी समावेशी प्रयासों के माध्यम से, जेम ने घरेलू व्यवसायों को बढ़ने और फलने-फूलने के लिए सभी को समान अवसर प्रदान किया है। ₹ 4 लाख करोड़ सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में लगभग 50 प्रतिशत मूल्य के ऑर्डर कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों, एमएसई, विशेष रूप से महिलाओं के नेतृत्व वाले संगठन और एससी/एसटी, स्वयं सहायता समूहों, एफपीओ और स्टार्टअप जैसे विक्रेता वर्ग को दिए गए हैं। 5.2 लाख से अधिक सीएससी (कामन सर्विस सेंटर) और 1.5 लाख से अधिक भारतीय डाकघरों के साथ जेम ने मिलकर सूक्ष्म स्तर पर लोगों तक पहुंच और उनकी क्षमता के निर्माण को अधिकतम करने में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। विभिन्न विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को जेम पर अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद करने के लिए हर कदम पर मदद के माध्यम से, इस मंच ने भारत के सभी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहन दिया है जिसके परिणामस्वरूप रोजगार सृजन के साथ ही आय में भी वृद्धि हुई है।”
चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में ही जेम ने अपने प्लेटफार्म के उपयोगकर्ताओं के अनुभवों को और बेहतर बनाने, पारदर्शिता को उच्चतम स्तर पर ले जाने और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए नए ज़माने की प्रौद्योगिकियों को अपनाकर बहुमुखी और सुरक्षित तकनीकी बुनियादी ढांचा बनाने की दृष्टि से देश की अग्रणी तकनीकी फर्म में से एक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ के साथ समझौता किया है। इसका उद्देश्य वर्तमान प्लेटफ़ॉर्म को बनाए रखते हुए नई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाते हुए इसका पुनर्गठन, नवीन डिज़ाइन बनाना और आधुनिक समाधान प्रदान करने वाला बनाना है। इसकी नई रूपरेखा विविध खरीदार संगठनों और उनकी ज़रूरी आवश्यकताओं वाले विक्रेताओं/सेवा प्रदाताओं को शामिल करना को आसान बनाएगी।
12070 से अधिक उत्पाद श्रेणियों और 320 से अधिक सेवा श्रेणियों के साथ, जेम निर्बाध रूप से सार्वजनिक खरीद के लिए वन-स्टॉप शॉप बन गया है, जिससे देश भर में विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने और अधिकांश सरकारी निविदाओं में भाग लेने के अवसर खुल गये हैं और ये इन्हें पारदर्शी तरीके से व्यापार करने में आसानी का भरोसा देने वाला है।
पोर्टल ने 2016 में 422 करोड़ रुपये के जीएमवी के साथ ऐतिहासिक यात्रा शुरू की जो आज 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गयी है। आश्चर्यजनक रूप से बहुत ही कम समय में इसकी उपलब्धियों ने इसे विश्व स्तर पर अग्रणी सार्वजनिक खरीद प्लेटफार्मों में से एक बनने के लिए प्रेरित किया है। दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध, जेम सार्वजनिक खरीद के क्षेत्र को पुनर्परिभाषित कर रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/अनूप
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