इंदौर के अनाथ आश्रम में दो दिन में पांच बच्चों की मौत, मुख्यमंत्री ने जताया दुख
-कलेक्टर ने चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय पहुंचकर बीमार बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली
-युगपुरुष धाम पहुंचकर कलेक्टर ने किया निरीक्षण, समिति बनाकर विस्तृत जाँच के दिये निर्देश
इन्दौर, 02 जुलाई (हि.स.)। इंदौर के एक अनाथ आश्रम में दो दिन में तबीयत बिगड़ने से अब तक पांच बच्चों की मौत हो गई। इनमें तीन बच्चों की मौत मंगलवार को हुई है। घटना शहर के पंचकुइयां स्थित युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केन्द्र में हुई। यहां रहने वाले 29 बच्चों को मंगलवार को चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अनाथ आश्रम में पांच बच्चों के असामयिक निधन पर दुख व्यक्त करते हुए घटना की जांच के निर्देश हैं।
श्री युगपुरुष धाम आश्रम की प्राचार्य डॉ अनिता शर्मा ने कहा कि आश्रम में 204 बच्चे हैं। इनमें से पांच की मौत हुई और 29 का इलाज जारी है। जिन पांच बच्चों की मौत हुई, उनमें से दो को मिर्गी आती थी। अन्य अन्य की मौत के पीछे ब्लड इन्फेक्शन और फूड पायजनिंग की आशंका जताई है। मृत बच्चों के नाम शुभम उर्फ करण, आकाश, शुभ, दिव्या और छोटा गोविंद है। सभी की उम्र 5 से 15 साल के बीच है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया के माध्यम से इंदौर के अनाथ आश्रम के पाँच मासूम बच्चों के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और इंदौर जिला प्रशासन को घटना की विस्तृत जांच के निर्देश दिए। उन्होंने बाबा महाकाल से दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करने तथा बीमार बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस दुखद घटना की जाँच के लिए उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच करवाने तथा मल्हारगंज एसडीएम को उनके असंवेदनशील व्यवहार के लिए कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
श्री युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केन्द्र में हुई घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत कलेक्टर आशीष सिंह मंगलवार को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ युगपुरूष धाम और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय पहुंचे। यहां उन्होंने बीमार बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल में भर्ती बीमार बच्चों के बेहतर से बेहतर इलाज के निर्देश दिये। कलेक्टर आशीष सिंह दोपहर पश्चात पुन: युगपुरुष धाम भी पहुंचे। यहां उन्होंने विस्तार से निरीक्षण किया और घटना के संबंध में वस्तु स्थिति तथा अन्य जानकारियां प्राप्त की।
कलेक्टर आशीष सिंह घटना की जानकारी मिलते ही स्वयं तो घटना स्थल पहुंचे ही, बाद में तुरंत अपर कलेक्टर राजेन्द्र रघुवंशी के नेतृत्व में फूड सेफ्टी, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों का दल भी प्रारंभिक जाँच के लिए युगपुरुष धाम भेजा। दल ने निरीक्षण कर वस्तु स्थिति देखी। दल ने खाद्य सामग्री के सेम्पल भी जाँच हेतु लिये है। कलेक्टर ने चिकित्सकों को निर्देशित किया है कि बीमार बच्चों का बेहतर से बेहतर इलाज सुनिश्चित करें।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि युगपुरुष धाम के कुल 29 बच्चों को चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। विगत दो दिनों में पांच बच्चों की मृत्यु हुई है। कलेक्टर ने एमवाय अस्पताल और चाचा नेहरू अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाकर युगपुरुष धाम के प्रत्येक बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी प्रारंभ करा दिया है।
संपूर्ण घटनाक्रम की विस्तृत जाँच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिये हैं कि बच्चों के बीमार पड़ने की घटना की विस्तृत एवं गहनता के साथ जाँच की जाये। उन्होंने संपूर्ण घटनाक्रम की विस्तृत जाँच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है। इस समिति में अपर कलेक्टर गौरव बेनल, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास डॉ. संध्या व्यास, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की अधीक्षक एवं शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्षक डॉ प्रीति मालपानी तथा वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ श्रीलेखा जोशी को शामिल किया गया है।
कलेक्टर ने एसडीएम को हटाया
कलेक्टर आशीष सिंह ने घटनास्थल पर तैनात मल्हारगंज क्षेत्र के एसडीएम ओमनारायण सिंह बडकुल को एसडीएम पद से हटाते हुए उन्हें जिला निर्वाचन कार्यालय में अटैच किया है। बड़कुल इस संवेदनशील विषय पर ड्यूटी के दौरान ठहाके लगाते दिखे थे, जिनका वीडियो वायरल हुआ था।
मानसिक रूप से कमजोर बच्चों का आश्रम है
इंदौर के पंचकुईया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। यहां अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बच्चे और 116 बच्चियां) हैं। सरकारी रिकॉर्ड में सभी बच्चों के साथ मां का नाम यहां की आचार्य डॉ. अनीता शर्मा लिखा हुआ है। जो बच्चे 10-15 साल पहले आए थे, इन्हीं में से 18 बेटियां एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
आश्रम 2006 में 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था। युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के सान्निध्य में यह संचालित हो रहा है। तब सभी की मां का नाम प्राचार्य अनिता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया। सभी के सरनेम स्वामीजी के नाम पर परमानंद रखे गए।
आश्रम के पानी और भोजन पर रोक
पांच बच्चों की मौत के बाद अब आश्रम के खाने और पानी की मनाही कर दी गई है। अब शेष करीब 180 बच्चों को पानी और खाने की जांच रिपोर्ट आने तक यहां का खाना नहीं दिया जाएगा। पानी-भोजन की डिलीवरी बाहर से ही कराई जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश
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