लेफ्टिनेंट जनरल साधना बनीं सेना चिकित्सा सेवा की पहली महिला महानिदेशक, कार्यभार संभाला

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लेफ्टिनेंट जनरल साधना बनीं सेना चिकित्सा सेवा की पहली महिला महानिदेशक, कार्यभार संभाला

- रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु युद्ध में लिया है प्रशिक्षण

- सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति ने विशिष्ट सेवा पदक से भी किया है सम्मानित

नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)। लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर ने गुरुवार को चिकित्सा सेवा (सेना) के महानिदेशक का पदभार संभाल लिया है। वह इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं। इससे पहले वह एयर मार्शल की पदोन्नति मिलने पर अस्पताल सेवा (सशस्त्र बल) महानिदेशक का पद संभालने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने इजरायली रक्षा बलों के साथ रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु युद्ध में तथा स्विस सशस्त्र बलों के साथ सैन्य चिकित्सा नैतिकता में प्रशिक्षण हासिल किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर ने अपनी स्कूली शिक्षा प्रयागराज के सेंट मैरी कॉन्वेंट से शुरू की और इसे लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट से पूरा किया। इस बीच उन्होंने तेजपुर, गोरखपुर, कानपुर और चंडीगढ़ के स्कूलों में पढ़ाई की। उन्होंने पुणे के सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय से एक विशिष्ट शैक्षणिक रिकॉर्ड के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की और दिसंबर, 1985 में सेना चिकित्सा कोर में कमीशन प्राप्त किया। लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने पुणे स्थित आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज से एक प्रतिष्ठित अकादमिक रिकॉर्ड के साथ स्नातक की उपाधि हासिल की। उन्होंने पारिवारिक चिकित्सा में स्नातकोत्तर की डिग्री और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन में डिप्लोमा हासिल किया है।

उन्होंने नई दिल्ली स्थित एम्स में चिकित्सा सूचना विज्ञान में दो साल का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया है। उन्होंने इजराइली रक्षा बलों के साथ रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल एवं परमाणु युद्ध में और स्विट्जरलैंड के स्पीज में स्विस सशस्त्र बलों के साथ सैन्य चिकित्सा नैतिकता में प्रशिक्षित लिया था। वह वायु सेना की पश्चिमी वायु कमान और प्रशिक्षण कमान की पहली महिला प्रधान चिकित्सा अधिकारी भी हैं। उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के चिकित्सा शिक्षा घटक के एक हिस्से का मसौदा तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित डॉ. कस्तूरीरंगन समिति के विशेषज्ञ सदस्य के रूप में नामित किया गया था।

सराहनीय सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने पश्चिमी वायु कमान की एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और चीफ ऑफ एयर स्टाफ कमेंडेशन के साथ-साथ विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया है। पिछले सात दशकों में उनके परिवार की तीन पीढ़ियों ने सशस्त्र बलों में सेवा की है। जनरल ऑफिसर का विवाह लड़ाकू पायलट एयर मार्शल केपी नायर (सेवानिवृत्त) से हुआ है। उनके पिता और बहन भी सैन्य डॉक्टर रहे हैं। उनका बेटा भारतीय वायु सेना में बतौर लड़ाकू पायलट कार्यरत है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम

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