पलवल के हिंद टर्मिनल से पहली डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन को दिखाई गई हरी झंडी

WhatsApp Channel Join Now
पलवल के हिंद टर्मिनल से पहली डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन को दिखाई गई हरी झंडी


नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। देश के माल परिवहन और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को नया आयाम देते हुए मंगलवार को पलवल में हिंद टर्मिनल लॉजिस्टिक्स पार्क से पहली डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई और टर्मिनल को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तेज़ रेलमार्ग से जोड़ दिया गया। यह उद्घाटन उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम भारतीय रेल और निजी लॉजिस्टिक भागीदारों के बीच बढ़ रहे सहयोग को रेखांकित करता है।

डीएफसीसीआईएल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस नई कनेक्टिविटी के माध्यम से देश के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पर माल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रेलवे की देश के माल परिवहन में हिस्सेदारी बढ़ेगी। अब हिंद टर्मिनल्स लॉजिस्टिक्स पार्क पलवल स्थित अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) क्षेत्र के निर्यातकों और आयातकों को प्रतिस्पर्धी डोर-टू-डोर मूल्य निर्धारण प्रदान करने में सक्षम होगा, जो फिलहाल सड़क मार्गों का उपयोग कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप खाद्यान्न, जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं, औद्योगिक उत्पादों और लघु उद्योग के उत्पादों सहित आवश्यक वस्तुओं की कुशल आवाजाही सुनिश्चित होगी। रेल लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने से उद्योग बढ़ेगा और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।

डबल स्टैक कंटेनर ट्रेनों को झंडी दिखाने से पहले प्रवीण कुमार ने न्यू दादरी से न्यू पृथला तक एक व्यापक विंडो-ट्रेलिंग निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने डीएफसी पर माल परिवहन की परिचालन दक्षता और प्रमुख बुनियादी ढांचे की समीक्षा की, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह उच्च मानकों के अनुसार है।

इसके अलावा, प्रवीण कुमार ने डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों और प्रमुख हितधारकों के साथ एक व्यापार विकास की बैठक का भी नेतृत्व किया। इस बैठक में इनोवेशन को बढ़ावा देने, माल परिवहन संचालन को सुदृढ़ करने और डीएफसी की ओर अधिक व्यवसाय आकर्षित करने पर गहन चर्चा की गई। डीएफसी कॉरिडोर भारत के लॉजिस्टिक क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल साबित हो रही है।

डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन का सफलतापूर्वक संचालन रेल माल परिवहन के आधुनिकीकरण में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह भारतीय रेल और डीएफसीसीआईएल की कुशल और सस्टेनेबल लॉजिस्टिक समाधानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उल्लेखनीय है कि 2,843 किमी लंबे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) नेटवर्क में से, 96 प्रतिशत से अधिक या 2,741 किमी, पहले ही पूरा हो संचालित हो चुका है। 1506 किमी लंबा पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) उत्तर प्रदेश में नोएडा के नजदीक दादरी से महाराष्ट्र के मुंबई तक फैला है, जो सीमेंट, खाद, कंटेनर, खराब होने वाली वस्तुओं इत्यादि के तेज़ परिवहन को एक नया आयाम दे रहा है। यह कॉरिडोर लंबी, भारी और डबल स्टैक कंटेनर ट्रेनों के कुशल संचालन के लिए बनाया गया है। डब्ल्यूडीएफसी आज माल परिवहन में क्रांति ला रहा है, देश की माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी को बढ़ा रहा है, लॉजिस्टिक क्षेत्र को सुदृढ़ कर रहा है, औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रहा है और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है। भारतीय रेल के कुल नेटवर्क का मात्र 4 प्रतिशत होने के बावजूद, डीएफसी 14 प्रतिशत से अधिक माल परिवहन कर रहा है और इसकी क्षमता में लगातार वृद्धि हो रही है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

Share this story

News Hub