महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में केमिकल युक्त गुलाल से लगी थी आग, जांच में हुआ खुलासा

महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में केमिकल युक्त गुलाल से लगी थी आग, जांच में हुआ खुलासा
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महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में केमिकल युक्त गुलाल से लगी थी आग, जांच में हुआ खुलासा


-मजिस्ट्रियल जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट पेश, जिम्मेदारों के नाम नहीं

उज्जैन, 28 मार्च (हि.स.)। होली के पर्व पर बीते सोमवार को भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में लगी आग के मामले में मजिस्ट्रियल जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में केमिकल युक्त तथा अधिक मात्रा में गुलाल से आग लगने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घटना के समय मंदिर में तैनात सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों, प्रोटोकाल कर्मियों, अधिकारियों और कुछ पुजारियों ने अपनी जिम्मेदारी की अनदेखी की। केमिकल युक्त गुलाल का भीतर आना, फिर आरती के दौरान उसे उड़ाया जाना इस बात की पुष्टि करता है। फिलहाल जांच रिपोर्ट में किसी के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है।

उज्जैन कलेक्टर एवं महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने गुरुवार शाम पत्रकारों के सामने मजिस्ट्रियल टीम द्वारा की गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया। उन्होंने बताया कि होली पर्व पर भगवान महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में लगी आग केमिकल वाले गुलाल के कारण लगी थी। उन्होंने कहा कि जिस-जिस स्तर पर लापरवाही हुई है, उन सभी जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। फिलहाल सुरक्षा एजेंसी, कर्मचारियों, अधिकारियों और कुछ पुजारियों को नोटिस जारी कर उनके बयान लिए जाएंगे। इसके अलावा गुलाल भीतर ले जाने और उड़ाने वालों को भी चिह्नित किया जा रहा है। कलेक्टर के अनुसार फिलहाल जांच जारी रहेगी।

उल्लेखनीय है कि गर्भगृह में आग लगने से पुजारी, सेवकों सहित कुल 14 लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। गुरुवार को जांच अधिकारियों ने प्रारंभिक रिपोर्ट कलेक्टर नीरज सिंह को सौंपी। कलेक्टर ने बताया कि केमिकल युक्त गुलाल पीछे से उड़ाया गया था, जो जलते कपूर की थाली के संपर्क में आया और इसी से आग भभकी। गुलाल में कौन से केमिकल थे, इसकी जांच कराई जा रही है।

घटना के दौरान एक निकास द्वारा भी 15 मिनट तक बंद रहा था। इसमें भी कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। मंदिर समिति ने दो क्विंटल हर्बल गुलाल तैयार किया था। यह धुलेंडी के लिए था। गर्भगृह में चार से पांच किलो गुलाल ले जाने की व्यवस्था थी। मगर यहां भी नियम तोड़ा गया। अब मंदिर समिति सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का सख्ती से पालन कराएगी।

कलेक्टर ने बताया कि महाकाल मंदिर में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कई स्तर पर काम होंगे। व्यवस्थाओं में बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। फिलहाल तीन सदस्यीय दल काशी विश्वनाथ, तिरुपति बालाजी, शिर्डी और सोमनाथ जैसे मंदिरों का दौरा कर वहां की व्यवस्थाएं देखेगा।

रिपोर्ट में अनुशंसा की गई है कि मंदिर में आधुनिक फायर अलार्म सिस्टम लगाया जाए। स्मोक डिटेक्टर, फायर फाइटर के इंतजाम हों। आवश्यक सुरक्षा उपकरणों, मानव संसाधन की उपलब्धता कर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हों। मंदिर के अंदर मोबाइल फोन सहित सुरक्षा के दृष्टिगत सभी हानिकारक सामग्रियों को ले जाने पर पूरी तरह रोक लगे।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश

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