झारखंड: उत्तरकाशी टनल से बाहर निकले खूंटी के मजदूर, तीन गांवों में उत्सव का माहौल
खूंटी (झारखंड), 28 नवंबर (हि.स.)। राज्य के खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के तीन गांवों डुमारी, गुमड़ू और मधुगामा के लिए आज का दिन कुछ खास ही रहा। गांव के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था। आखिर 17 तीनों तक उत्तराखंड के उत्तर काशी सुरंग (टनल) में फंसे इन गांवों के तीन युवक मंगलवार को बाहर निकल आये। जैसे ही यह खबर गांव वालों को मिली कि डुमारी गांव में हर्ष का माहौल कायम हो गया।
इन गांवों के लोगों ने सरना पद्धति से पूजा-अर्चना कर ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त किया। टनल में फंसे 35 वर्षीय युवक चमरा उरांव की पत्नी रेखा देवी, माता बंधनी उराइन और पिता भक्तु उरांव की आंखें खुशी से भर आयीं। वे अपनी बातों से अपनी खुशी को व्यक्त कर नहीं पा रहे थे। रेखा देवी ने कहा कि ईश्वर ने उनकी प्रार्थना सुन ली। चमरा के माता-पिता ने कहा कि उन्हं ईश्वर पर पूरा भरोसा था और ईश्वर ने लड़के को नयी जिंदगी दे दी।
टनल में फंसे कर्रा प्रखंड के गुमड़ु गांव के विजय होरो की पत्नी सनारती होरो ने रोते हुए कहा कि आज भगवान ने उन्हें जीवन की सबसे बड़ी खुशी दे दी है। इसके लिए पूरा परिवार ही नहीं पूरा गांव ही उत्तराखंड सरकार, वहां के स्थानीय प्रशासन सेन और केंद्र सरकार आभारी हैं कि आज उनके प्रयास से 41 लोगों का परिवार उजड़ने से बच गया। मुश्किल की इस घड़ी में मदद के लिए चमरा उरांव और विजय होरो के परिवार ने तोरपा के विधायक कोचे मुंडा और जिला प्रशासन के अलावा अन्य सभी सभी शुभचिंतकों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
टनल से बाहर निकले चमरा उरांव, विजय होरो और गणपति होरो के परिवार वालों ने टनल में फंसे 41 मजदूरों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सेना के जवानों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। डुमारी गांव के भक्तु उरांव ने कहा कि उनके बेटे ने अपनी बहन की शादी का कर्ज उतारने के लिए अपनी जिंदगी को दांव पर लगा दिया था। कर्रा प्रखंड के मधुगामा गांव के गणपति मुंडा के घर में भी मंगलवार को उत्सव का माहौल रहा। गांव का हर व्यक्ति उनके घर लाकर अपनी खुशी का इजहार कर रहा था।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/चंद्र प्रकाश
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