मप्रः मादा चीता वीरा को भी कूनो के खुले जंगल में छोड़ा गया
- पीपलबावड़ी जोन में अब पर्यटक कर सकेंगे चीतों के दीदार
भोपाल, 20 दिसंबर (हि.स.)। चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाए गए चीतों को अब स्वस्थ परीक्षण के बाद पुनः खुले जंगल में छोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को मादा चीता वीरा को भी खुले जंगल में छोड़ दिया गया है। अब कूनो आने वाले पर्यटक आसानी से चीतों के दीदार कर सकेंगे।
जनसम्पर्क अधिकारी केके जोशी ने बताया कि बुधवार को मादा चीता वीरा को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के नयागांव वनक्षेत्र में सफलतापूर्वक छोड़ गया। मादा चीता वीरा पूर्ण रूप से स्वस्थ है। नयागांव वनक्षेत्र पीपलबावड़ी पर्यटन जोन के अंतर्गत है। पर्यटन जोन में चीतों की मौजूदगी से अब पर्यटक चीतों को देख सकेंगे।
बीते रविवार को स्वास्थ्य परिक्षण के बाद दो नर चीतों- अग्नि और वायु को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के पारोंद वन क्षेत्र में सफलतापूर्वक छोड़ा गया था। फिलहाल दोनों चीते पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। पारोंद वन क्षेत्र अहेरा भी पर्यटन जोन के अंतर्गत है। पर्यटन जोन में चीतों की मौजूदगी से कूनो में घूमने आने वाले पर्यटक अब उन्हें देख सकेंगे।
गौरतलब है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को लाकर बसाया गया था। इनमें से एक मादा चीता ने यहां चार शावकों को जन्म दिया था। इस तरह यहां चीतों की संख्या बढ़कर 24 हो गई थी लेकिन इस साल मार्च से जुलाई के बीच चार माह में एक के बाद नौ चीतों की मौत हो गई थी। इनमें छह चीते और तीन शावक शामिल हैं। इसके बाद चीता विशेषज्ञों की सलाह पर कूनो प्रबंधन ने शेष बचे एक शावक सहित सभी 15 चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया था और पशु चिकित्सकों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही थी। अब चीतों को पुनः खुले जंगल में छोड़ा जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात
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