भगवान बुद्ध के आदर्श, भारत और थाईलैंड के बीच एक आध्यात्मिक सेतु - गजेन्द्र सिंह शेखावत
नई दिल्ली, 11 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को राष्ट्रीय संग्रहालय में फोटोग्राफिक प्रदर्शनी थाईलैंड-इंडिया इंटरवॉवन लिगेसीज़: स्ट्रीम ऑफ फेथ इन बुद्धिज्म का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में थाईलैंड के विदेश मंत्री मैरिस सांगियामपोंगसा, राजदूत पट्टारत होंगटोंग, और राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. बी.आर. मणि भी मौजूद रहे। इस मौके पर संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि राष्ट्रीय संग्रहालय में यह फोटोग्राफिक प्रदर्शन भगवान बुद्ध और उनके शांति, करुणा के संदेश के प्रति थाई लोगों गहरी भक्ति और श्रद्धा को दर्शाता है। भगवान बुद्ध के आदर्श, भारत और थाईलैंड के बीच एक आध्यात्मिक सेतु के रूप में काम करते हैं, जो गहरे संबंधों को बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी का उद्देश्य भगवान बुद्ध और उनके प्रमुख शिष्यों, अराहत सारिपुत्त और अराहत महा मोगलाना के पवित्र अवशेषों के प्रति थाईलैंड के लोगों के गहन श्रद्धा को प्रदर्शित करना है। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर जिले के पिपरहवा से खोदे गए ये अवशेष प्रदर्शनी का केंद्र बिंदु हैं, जो भारत और थाईलैंड के बीच गहरे सांस्कृतिक और पारंपरिक संबंधों का प्रतीक हैं। 1970-71 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा पिपरहवा में की गई खुदाई से दो ताबूत प्रकाश में आए, जिनमें कुल बाईस पवित्र अस्थि अवशेष थे। इनमें से बीस पवित्र अस्थि अवशेष वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में प्रदर्शित हैं, जबकि शेष दो पवित्र अस्थि अवेशष भारतीय संग्रहालय, कोलकाता को दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि यह प्रदर्शनी थाईलैंड साम्राज्य और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विदेश मंत्रालय, थाईलैंड में भारतीय दूतावास, राष्ट्रीय संग्रहालय, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ और महाबोधि सोसायटी के सक्रिय सहयोग से आयोजित की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी / जितेन्द्र तिवारी
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