बिहार के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सभी फैसलों पर लगी रोक, होगी जांच

बिहार के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सभी फैसलों पर लगी रोक, होगी जांच
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बिहार के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सभी फैसलों पर लगी रोक, होगी जांच


पटना, 16 फरवरी (हि.स.)। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब विश्वास मत हासिल कर रहे थे तब उन्होंने बड़ा आरोप लगाया था। नीतीश ने कहा था कि राजद के लोग सत्ता में रहकर माल कमा रहे थे। अब नीतीश कुमार ने चार दिन बाद इस पर एक्शन ले लिया है। उप मुख्यमंत्री रहते तेजस्वी यादव ने जो फैसले लिए थे, उन पर रोक लगा दी गई है। साथ ही राजद के दो और तत्कालीन मंत्रियों के फैसलों पर रोक लगाई गयी है। इन सारे फैसलों की जांच होगी और फिर आगे की कार्रवाई की जायेगी।

बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने शुक्रवार की शाम आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सरकार के स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में 01 अप्रैल, 2023 से मंत्री के स्तर पर जो काम किये गये थे या फैसले लिए गये थे उन्हें तत्काल रोक दिया जाए। इन तमाम फैसलों की समीक्षा की जाए और जरूरी हो तो उसमें संशोधन किया जाए। पुराने मंत्री के फैसलों की जानकारी मौजूदा मंत्री को दिया जाए और उनसे जरूरी दिशा-निर्देश लिया जाए।

जिन विभागों में पूर्व मंत्री के फैसलों की समीक्षा का आदेश जारी हुआ है, उनमें चार विभाग तेजस्वी यादव के पास थे। डिप्टी सीएम रहते तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विभाग एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग अपने पास रखा था। राजद के दो और तत्कालीन मंत्रियों के कामकाज की जांच के आदेश जारी हुए हैं। राजद के रामानंद यादव खान एवं भूतत्व विभाग का काम देख रहे थे तो ललित यादव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री थे। इन दोनों के फैसलों पर भी रोक और समीक्षा का आदेश जारी हुआ है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में नयी सरकार बनने के बाद सम्राट चौधरी ने ये एलान किया था कि तेजस्वी ने डिप्टी सीएम और मंत्री रहते जो फैसला लिया था, उसकी जांच करायेंगे। सारे फाइल खोले जाएंगे। नीतीश कुमार भी राजद की कारगुजारियों की जांच कराने का एलान कर चुके हैं।

इससे पहले आज ही डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने श्रम संसाधन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच किया। उन्होंने श्रम संसाधन विभाग की फाइलें टटोलीं। श्रम संसाधन विभाग के तहत ही बिहार के सारे आईटीआई कॉलेज आते हैं। सिन्हा ने सारे फाइलों के निरीक्षण के बाद कहा कि आईटीआई कॉलेजों के लिए मशीनरी और दूसरे सामानों की खरीददारी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गयी है।

उन्होंने कहा कि दो हजार से 5 हजार का सामान 50 हजार में खरीदा गया। बड़े पैमाने पर ऐसे सामानों की खरीदारी की गयी है। इसकी जांच के आदेश दे दिये गये हैं। पहले विभागीय स्तर पर जांच होगी। जरूरत पड़ी तो निगरानी जांच करायी जायेगी। डिप्टी सीएम सिन्हा ने कहा कि श्रम संसाधन विभाग में बड़े पैमाने पर खेल चल रहा था। दागी अधिकारियों की मलाईदार जगह पर पोस्टिंग की गयी थी। एक ही अधिकारी को कई पदों का प्रभार दिया गया था। अब तय किया गया है कि कोई भी अधिकारी विभाग में दो पदों के प्रभार में नहीं रहेगा। डिप्टी सीएम ने कहा कि आईटीआई कॉलेजों में कई और खेल चल रहा है। छात्र के बदले दूसरे लोग परीक्षा दे रहे हैं। ऐसे तमाम मामलों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ गोविन्द

/चंद्र प्रकाश

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