अयोध्या में सजी सांस्कृतिक सुरों की शाम, प्रभु श्रीराम का गुणगान
-लोक कला व संस्कृति की झलक, राम धुन में मगन हुए भक्त
अयोध्या, 23 दिसम्बर (हि.स.)। रामकथा और रामायण परंपरा पर आधारित गीतों की श्रृंखला... सुबह हो या शाम, दिन हो या रात प्रभु श्रीराम की महिमा का बखान और उनका गुणगान। श्रीराम जन्मभूमि पर आतिथ्य सत्कार का आदर्श प्रस्तुत करता भव्य-दिव्य सांस्कृतिक मंच, भक्ति-भाव से लबरेज लोक कलाकारों के सुरों से सजी महफिल, राम धुन में मगन श्रोता, फूल-पत्तियों से सजा श्रीराम सत्संग भवन। उत्सव चरम पर था और रंग-बिरंगी आकर्षक लाइटें सुंदरता को चार चांद लगा रही थीं। मौका था अयोध्या उत्सव का।
देश की एकमात्र बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार की ओर से आयोजित तीन दिवसीय अयोध्या उत्सव के प्रथम दिन लोक कला व संस्कृति की झलक दिखी। उद्घाटन सत्र में अयोध्या ही नहीं, मथुरा वृंदावन और बेंगलुरु कर्नाटक के महंत का समागम हुआ। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज का जहां आशीवर्चन मिला, वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने 500 वर्षों के संघर्ष की गाथा सुनाई।
इससे पहले, हिन्दुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष अरविंद मार्डीकर ने अतिथियों का स्वागत किया। सुबह से दोपहर तक संगोष्ठी कार्यक्रम चला, शाम होते-होते संगोष्ठी सांस्कृतिक कार्यक्रम में बदल गई। सांस्कृतिक सुरों की महफिल में जब भक्ति की रसधार बही तो श्रोता झूम उठे। आस्था चेहरे पर झलक रही थी। लोक कलाकारों ने प्रभु श्रीराम की महिमा का बखान करते नहीं थक रहे थे।
हिन्दुस्थान समाचार के समाचार समन्वयक पदुम नारायण द्विवेदी ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया और अतिथियों व लोक कलाकारों का सहृदय आभार जताया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में सर्वप्रथम सभी लोक कलाकारों को श्रीराम नाम का अंगवस्त्रम् भेंट कर सम्मानित किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/आकाश
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