गिनी की खाड़ी में यूरोपीय संघ और भारत ने पहला संयुक्त नौसेना अभ्यास किया
-यूरोपीय संघ के तीन सदस्य देशों के साथ शामिल हुआ आईएनएस सुमेधा
-घाना के तट से दूर अंतरराष्ट्रीय जल में किया गया सामरिक युद्धाभ्यास
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (हि.स.)। भारत और यूरोपीय संघ के जहाजों ने नौसैनिक समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए गिनी की खाड़ी में संयुक्त गतिविधियां कीं। यूरोपीय संघ (ईयू) और भारत ने गिनी की खाड़ी में अपना पहला संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया। ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ-भारत समुद्री सुरक्षा वार्ता की तीसरी बैठक के बाद हुए इस नौसैनिक अभ्यास को काफी अहम माना जा रहा है।
ब्रुसेल्स में 05 अक्टूबर को यूरोपीय संघ-भारत समुद्री सुरक्षा वार्ता की तीसरी बैठक हुई थी। इसके बाद 24 अक्टूबर को गिनी की खाड़ी में समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए कई संयुक्त गतिविधियां की गईं। इस दौरान भारतीय नौसेना का अपतटीय गश्ती जहाज आईएनएस सुमेधा यूरोपीय संघ के तीन सदस्य देशों के जहाजों के साथ शामिल हो गया। इसमें इतालवी नौसेना का जहाज आईटीएस फोस्करी, फ्रांसीसी नौसेना का जहाज एफएस वेंटोसे और स्पेनिश नौसेना का जहाज टॉरनेडो था।
विंग कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि चार जहाजों ने घाना के तट से दूर अंतरराष्ट्रीय जल में सामरिक युद्धाभ्यास की एक श्रृंखला का अभ्यास किया, जिसमें बोर्डिंग अभ्यास, फ्रांसीसी जहाज वेंटोसे और भारतीय नौसेना जहाज सुमेधा पर लगे हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके उड़ान अभ्यास और जहाजों के बीच कर्मियों का स्थानांतरण शामिल था। इस अभ्यास के बाद अकरा, घाना में एक साझा सत्र आयोजित किया गया, जो परिचालन संबंधी जानकारी को बेहतर बनाने के लिए समुद्र में संयुक्त अनुभव पर आधारित था।
इस सत्र ने घाना के अधिकारियों और घाना में भारतीय, यूरोपीय संघ और यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों के मिशनों के प्रतिनिधियों के बीच संबंधों को गहरा करने में भी मदद की। इन गतिविधियों ने गिनी की खाड़ी में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत और यूरोपीय संघ की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इस सत्र ने समुद्री सुरक्षा पर यूरोपीय संघ-भारत सहयोग की व्यापकता और गतिशीलता को प्रतिबिंबित करने के साथ समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) को बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्प का संकेत दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/आकाश
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