बीते नौ वर्षों में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के मंच पर 1157 से अधिक मामले सुलझाए गए : अमित शाह

बीते नौ वर्षों में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के मंच पर 1157 से अधिक मामले सुलझाए गए : अमित शाह
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बीते नौ वर्षों में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के मंच पर 1157 से अधिक मामले सुलझाए गए : अमित शाह


बीते नौ वर्षों में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के मंच पर 1157 से अधिक मामले सुलझाए गए : अमित शाह


-अमित शाह की अध्यक्षता में कई मुद्दों पर हुई चर्चा

-बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की उठी मांग

पटना (बिहार), 10 दिसम्बर (हि.स.)। राजधानी पटना में आयोजित 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक रविवार शाम साढ़े पांच बजे समाप्त हो गई। बैठक में बिहार समेत चार राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सीएम सचिवालय के संवाद कक्ष में आयोजित बैठक की अध्यक्षता अमित शाह ने की। शाह ने कहा, पिछले नौ वर्ष में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के मंच पर सदस्य राज्यों के बीच के 1157 से अधिक मामले सुलझाए गए हैं।

तीन घंटे तक चली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की मीटिंग में नीतीश कुमार ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। साथ ही मुख्यमंत्री ने बिहार के आरक्षण का दायरा बढ़ाने के बाद उसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी की। बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कई दशकों से बाढ़ से जूझ रहे बिहार को निजात दिलाने के लिए अमित शाह से नेपाल में हाई डैम बनाने की मांग की। इस पर अमित शाह ने कहा कि आप पूरा डिटेल दीजिए, मैं इस मामले को देखता हूं।

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में खनन, कुछ मदों में केन्द्रीय आर्थिक सहायता, बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, भूमि अधिग्रहण एवं भूमि स्थानांतरण, जल बंटवारा, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण स्कीम (डीबीटी) का कार्यान्वयन, राज्य पुनर्गठन और क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई है। साथ ही पूर्वी राज्यों के बीच आर्थिक विकास एवं नक्सल उन्मूलन और परिवहन के विस्तार को लेकर समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा राष्ट्रहित के कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई है। इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की शीघ्र जांच और तुंरत निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का कार्यान्वयन जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई।

इन मुद्दों पर हुई गंभीर चर्चा

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में पूर्वी राज्यों के बीच आर्थिक विकास एवं नक्सल उन्मूलन और परिवहन के विस्तार को लेकर समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया गया। साथ ही राष्ट्रहित के कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई है। इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की शीघ्र जांच और तुंरत निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का कार्यान्वयन जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई है। इस बैठक में बिहार सरकार ने झारखंड से अलग होने के बाद 22 साल से लटके पेंशन बंटवारे के मुद्दों को एक बार फिर से रखा। साथ ही राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा की गई। हर गांव में पांच किलोमीटर के भीतर बैंकों/इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शाखाओं की सुविधा आदि पर भी चर्चा हुई।

ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के सीएम नहीं हुए शामिल

इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी शामिल होना था लेकिन इन तीनों नेताओं ने इस मीटिंग से किनारा कर लिया। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब डेढ़ साल बाद आमने-सामने हुए।बैठक की शुरुआत में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शॉल भेंटकर केंद्रीय गृहमंत्री का सम्मान किया।

बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कैबिनेट मंत्री विजय चौधरी, संजय झा समेत झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ गोविन्द/चंद्र प्रकाश

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