वाइब्रेंट गुजरात समिट में पर्यावरण को महत्व, आधे से अधिक ग्रीन एमओयू हुए : मुख्यमंत्री
गांधीनगर, 10 जनवरी (हि.स.)। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन हाइड्रोजन, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे फ्यूचरिस्टिक सेक्टर एवं एमएसएमई तथा स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि समिट में हुए एमओयूज में से 50 फीसदी एमओयूज ग्रीन एमओयूज हैं। जो पर्यावरण की रक्षा एवं क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ने की गुजरात की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। समारोह में मुख्यमंत्री पटेल ने देश के विकास में गुजरात के योगदान को रेखांकित किया।
पटेल ने कहा कि देश के अमृत काल की पहली वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट हमारे अमृत भविष्य का रोडमैप तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाइब्रेंट समिट के प्रमुख वास्तुकार हैं। उन्होंने इस वाइब्रेंट समिट को बिजनेस ब्रांडिंग के साथ-साथ बॉन्डिंग के समिट के रूप में स्थापित किया है। समिट की दो दशकों की सफलता ने इसे नॉलेज शेयरिंग और नेटवर्किंग का एक सम्मानित मंच बना दिया है। इतना ही नहीं, हमने प्रधानमंत्री द्वारा 2003 में दिए गए मंत्र ‘गुजरात कैन एंड गुजरात विल’ को भी वैश्विक विकास के माध्यम से साकार किया है।
मुख्यमंत्री ने समिट की सफलता के संबंध में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक वाइब्रेंट समिट में गुजरात के वर्ल्ड क्लास डेवलपमेंट का विजन और नए इनिशिएटिव्स की प्रेरणा प्रदान की है। उनकी इन प्रेरणाओं के परिणामस्वरूप ही गुजरात आज निवेश का श्रेष्ठ स्थान एवं देश का ग्रोथ इंजन बन गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/पवन
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