गोपाल राय ने एनसीआर राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों संग बैठक करने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखा पत्र

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गोपाल राय ने एनसीआर राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों संग बैठक करने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखा पत्र


नई दिल्ली, 4 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को दिल्ली में सर्दी के मौसम में होने वाली वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए एनसीआर राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ संयुक्त बैठक करने के लिए पत्र लिखा है।

गोपाल राय ने कहा है कि उन्होंने तीन नवंबर को रात 11.30 बजे आनंद विहार हॉटस्पॉट का दौरा किया और यह देखकर आश्चर्यचकित रह गए कि बीएस 3 और बीएस 4 डीजल बसें अभी भी सड़कों पर चल रही हैं और पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में प्रवेश कर रही हैं। दिल्ली के अन्य एंट्री पॉइंट्स से भी इसी तरह की खबरें मिल रही हैं। इसके मद्देनजर गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अनुरोध किया कि पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में बीएस-6 मानदंडों का अनुपालन न करने वाले वाहनों के प्रवेश पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगाया जाए और एनसीआर में भी ऐसे वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री के साथ शीघ्र संयुक्त बैठक बुलाई जाए।

गोपाल राय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने चार प्रमुख कार्रवाई की मांग की है। पहला, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवमानना करने, मंत्रिपरिषद के निर्णय को लागू न करने, मनमाने ढंग से ओएंडएम भुगतान रोकने के लिए डीपीसीसी के चेयरमैन अश्विनी कुमार के खिलाफ निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है। स्टडी का अध्ययन और उसे कैबिनेट के सामने बिना पेश किए स्मॉग टावर को ऐसे समय में बंद कर दिया गया, जब प्रदूषण के स्तर में वृद्धि की उम्मीद थी। दूसरा, स्मॉग टॉवर की प्रभावशीलता को समझे बिना अचानक डीपीसीसी प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ. अनवर अली खान पर निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। तीसरा, स्मॉग टावर को तत्काल दोबारा शुरू किया जाए और ओ एंड एम के भुगतान के लिए राशि जारी की जाए, ताकि स्मॉग टावर सर्दियों के महीनों में स्थानीय स्तर पर प्रदूषण से निपटने में मदद कर सके। चौथा, हमें तत्काल एक हलफनामे के जरिए पूरे घटनाक्रम को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी/दधिबल

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